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शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय अवमानना के दोषी करार - शिक्षा निदेशक माध्यमिक अवमानना के दोषी करार

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने  शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय को अवमानना का दोषी करार दिया है. विनय के खिलाफ आरोप निर्मित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

Allahabad High Court
इलाहाबाद हाई कोर्ट.
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Published : Mar 24, 2021, 10:51 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक कैंप कार्यालय लखनऊ विनय कुमार पांडेय को अवमानना का दोषी करार दिया है. विनय के खिलाफ आरोप निर्मित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न खिलाफ अवमानना कार्रवाई कर दंडित किया जाए. उप निदेशक पर 26 नवम्बर 2018 को जारी निर्देश की जानबूझकर अवहेलना करने व कोर्ट को गुमराह करने का आरोप है. कोर्ट ने निदेशक को जवाब के साथ 9अप्रैल को कोर्ट मे हाजिर होने का भी निर्देश दिया है.यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने काशीनाथ व 9 अन्य अध्यापकों की अवमानना याचिका पर दिया है.

कोर्ट ने दिया सफाई का मौका
कोर्ट ने याचियों को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया था. जिसके लिए कमेटी बनी, उसने रिपोर्ट दी. सभी सेवानिवृत्त हो चुके है।एक की मौत भी हो चुकी है।बताया गया वित्त एवं लेखाधिकारी ने 2009 में 49,70,905 रुपये की गणना कर ली है. सरकार से बजट मांगा गया है. कमेटी की रिपोर्ट में यह साफ नहीं था कि प्रत्येक को देना है, किन्तु वास्तविकता भिन्न थी. कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की गयी और आदेश का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को कोर्ट में बैठाये भी रखा और सजा पर सफाई का मौका दिया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक कैंप कार्यालय लखनऊ विनय कुमार पांडेय को अवमानना का दोषी करार दिया है. विनय के खिलाफ आरोप निर्मित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न खिलाफ अवमानना कार्रवाई कर दंडित किया जाए. उप निदेशक पर 26 नवम्बर 2018 को जारी निर्देश की जानबूझकर अवहेलना करने व कोर्ट को गुमराह करने का आरोप है. कोर्ट ने निदेशक को जवाब के साथ 9अप्रैल को कोर्ट मे हाजिर होने का भी निर्देश दिया है.यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने काशीनाथ व 9 अन्य अध्यापकों की अवमानना याचिका पर दिया है.

कोर्ट ने दिया सफाई का मौका
कोर्ट ने याचियों को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया था. जिसके लिए कमेटी बनी, उसने रिपोर्ट दी. सभी सेवानिवृत्त हो चुके है।एक की मौत भी हो चुकी है।बताया गया वित्त एवं लेखाधिकारी ने 2009 में 49,70,905 रुपये की गणना कर ली है. सरकार से बजट मांगा गया है. कमेटी की रिपोर्ट में यह साफ नहीं था कि प्रत्येक को देना है, किन्तु वास्तविकता भिन्न थी. कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की गयी और आदेश का पालन नहीं किया गया. कोर्ट ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को कोर्ट में बैठाये भी रखा और सजा पर सफाई का मौका दिया है.

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