प्रयागराज: एक तरफ राम भक्त जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर संकल्पित हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज के खुल्दाबाद में एक दुर्गा पूजा पंडाल को ही सुप्रीम कोर्ट का रूप दे दिया गया है. इस पंडाल को न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का रूप दिया गया है बल्कि मां के दरबार को भी अदालत के तौर पर दिखाया गया है. यहां जज भी है और दोनों पक्षों के वकील भी. हालांकि यहां कटघरे में एक तरफ महिषासुर तो दूसरी तरफ भस्मासुर को खड़ा किया गया है.
दूर्गा पूजा के आयोजकों का मानना है कि मां की अदालत से बड़ी कोई अदालत नहीं है. इसलिए हम अब राम मंदिर के मुद्दे को मां के दरबार में अदालत लगाकर जजों के अलावा दोनों पक्षों की सद्बुद्धि के लिए विशेष पूजा पाठ कर रहे हैं. वहीं दुर्गा पूजा समिति के लोगों का मानना है कि उन्होंने यहां पर अदालत का निर्माण इस उद्देश्य के साथ किया है कि शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा जजों को सद्बुद्धि दें जिससे मंदिर निर्माण में जो व्यवधान आ रहा है वह दूर हो और अयोध्या में जल्द से जल्द भगवान राम का भव्य मंदिर बन सके.
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फिलहाल माध्यम चाहे जो भी हो लेकिन यह पंडाल राम मंदिर निर्माण के फैसले और दुर्गा पूजा की श्रद्धा को एक साथ सामने लेकर आ रहा है. ऐसे में इस पंडाल की हर तरफ चर्चाएं हो रही हैं.