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प्रयागराज: माता के दरबार में लगेगी भगवान राम की कचहरी

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Published : Oct 5, 2019, 3:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में दुर्गा पूजा को लेकर एक विशेष तरह का पंडाल बनाया गया है. इस पंडाल को बाहर से सुप्रीम कोर्ट का रूप दिया गया है. वहीं इस पंडाल के अंदर के हिस्से की बात करें तो यहां एक अदालत नजर आती है.

भगवान राम की कचहरी

प्रयागराज: एक तरफ राम भक्त जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर संकल्पित हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज के खुल्दाबाद में एक दुर्गा पूजा पंडाल को ही सुप्रीम कोर्ट का रूप दे दिया गया है. इस पंडाल को न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का रूप दिया गया है बल्कि मां के दरबार को भी अदालत के तौर पर दिखाया गया है. यहां जज भी है और दोनों पक्षों के वकील भी. हालांकि यहां कटघरे में एक तरफ महिषासुर तो दूसरी तरफ भस्मासुर को खड़ा किया गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दूर्गा पूजा के आयोजकों का मानना है कि मां की अदालत से बड़ी कोई अदालत नहीं है. इसलिए हम अब राम मंदिर के मुद्दे को मां के दरबार में अदालत लगाकर जजों के अलावा दोनों पक्षों की सद्बुद्धि के लिए विशेष पूजा पाठ कर रहे हैं. वहीं दुर्गा पूजा समिति के लोगों का मानना है कि उन्होंने यहां पर अदालत का निर्माण इस उद्देश्य के साथ किया है कि शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा जजों को सद्बुद्धि दें जिससे मंदिर निर्माण में जो व्यवधान आ रहा है वह दूर हो और अयोध्या में जल्द से जल्द भगवान राम का भव्य मंदिर बन सके.

इसे भी पढ़ेें- Navratra 2019: महासप्तमी के दिन ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, भय और बाधाओं का होता है नाश

फिलहाल माध्यम चाहे जो भी हो लेकिन यह पंडाल राम मंदिर निर्माण के फैसले और दुर्गा पूजा की श्रद्धा को एक साथ सामने लेकर आ रहा है. ऐसे में इस पंडाल की हर तरफ चर्चाएं हो रही हैं.

प्रयागराज: एक तरफ राम भक्त जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर संकल्पित हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज के खुल्दाबाद में एक दुर्गा पूजा पंडाल को ही सुप्रीम कोर्ट का रूप दे दिया गया है. इस पंडाल को न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का रूप दिया गया है बल्कि मां के दरबार को भी अदालत के तौर पर दिखाया गया है. यहां जज भी है और दोनों पक्षों के वकील भी. हालांकि यहां कटघरे में एक तरफ महिषासुर तो दूसरी तरफ भस्मासुर को खड़ा किया गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दूर्गा पूजा के आयोजकों का मानना है कि मां की अदालत से बड़ी कोई अदालत नहीं है. इसलिए हम अब राम मंदिर के मुद्दे को मां के दरबार में अदालत लगाकर जजों के अलावा दोनों पक्षों की सद्बुद्धि के लिए विशेष पूजा पाठ कर रहे हैं. वहीं दुर्गा पूजा समिति के लोगों का मानना है कि उन्होंने यहां पर अदालत का निर्माण इस उद्देश्य के साथ किया है कि शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा जजों को सद्बुद्धि दें जिससे मंदिर निर्माण में जो व्यवधान आ रहा है वह दूर हो और अयोध्या में जल्द से जल्द भगवान राम का भव्य मंदिर बन सके.

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फिलहाल माध्यम चाहे जो भी हो लेकिन यह पंडाल राम मंदिर निर्माण के फैसले और दुर्गा पूजा की श्रद्धा को एक साथ सामने लेकर आ रहा है. ऐसे में इस पंडाल की हर तरफ चर्चाएं हो रही हैं.

Intro:अब माता के दरबार मे होगी राम मंदिर की सुनवाई
ritesh singh
7007861412

एक तरफ देशभर में राम भक्त जहां अयोध्या में जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर संकल्पित है! तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज की एक दुर्गा पूजा पंडाल को सुप्रीम कोर्ट का रूप देकर राम मंदिर मुद्दे की सुनवाई के लिए मां के दरबार मे अदालत का निर्माण किया गया है ! दरबार में दोनों पक्षों के वकीलों के अलावा जज भी मौजूद हैं !हालांकि अदालत के कटघरे में महिषासुर और भस्मासुर हैं! आयोजकों का मानना है कि मां की अदालत से बड़ी कोई अदालत नहीं है !इसलिए हम अब राम मंदिर के मुद्दे को मां के दरबार में अदालत लगाकर जजों के अलावा दोनों पक्षों की सद्बुद्धि के लिए विशेष पूजा पाठ कर रहे हैं!


Body:गौरतलब है कि राम मंदिर मुद्दे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अपने आखिरी चरण में है !ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही जल्द फैसला भी आ जाएगा !वहीं प्रयागराज के खुल्दाबाद में सजी देवी दुर्गा के पंडाल को सुप्रीम कोर्ट के रूप में दिया गया है! देवी दुर्गा के सामने बकायदा अदालत भी बनाई गई है !जज भी है और दोनों पक्षों की तरफ से वकील भी खड़े हैं !लेकिन यहां पर कटघरे में एक तरफ महिषासुर है तो दूसरी तरफ भस्मासुर! दुर्गा पूजा समिति के लोगों का मानना है कि उन्होंने यहां पर अदालत का निर्माण इस उद्देश्य के साथ किया है कि शक्ति के प्रतीक मां दुर्गा जजों को सद्बुद्धि दे कि जो व्यवधान राम मंदिर निर्माण में आ रहा है वह दूर हो और अयोध्या में जल्द से जल्द भगवान राम का भव्य मंदिर बन सके! दुर्गा पूजा कमेटी के लोगों का कहना है कि राम मंदिर में मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है लेकिन नतीजा अभी तक नहीं निकल सका इसलिए शक्ति के प्रतीक मां दुर्गा के दरबार में अदालत का निर्माण करके दोनों पक्षों के अलावा जजों की सद्बुद्धि और मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जा रही है!
बाइट ---- वीरेंद्र सोनकर (महामंत्री)
बाइट ---- कुमुद शुक्ला (श्रद्धालू)
बाइट ---- बृजमोहन ((कार्यकर्ता)


Conclusion: फिलहाल माध्यम चाहे जो भी हो अदालत इन की आस्था और उनके विश्वास को देखते हुए जल्द से जल्द अयोध्या में भगवान राम की जन्म स्थली पर भव्य राम मंदिर का निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें यही यह कार्यकर्ता और श्रद्धालु मां से अरदास लगा रहे हैं!
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