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कोरोना के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकीलों की संख्या घटकर हुई एक तिहाई..

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Published : Jan 5, 2022, 10:47 PM IST

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई जज कोरोना संक्रमित हो गए हैं. इससे हाईकोर्ट के वकील भी बेहद भयभीत हैं. इसके चलते हाईकोर्ट में वकीलों की उपस्थिति लगभग एक तिहाई हो गई है.

कोरोना के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में घटी वकीलों की संख्या
कोरोना के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में घटी वकीलों की संख्या

प्रयागराज : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई जज कोरोना संक्रमित हो गए हैं. इससे हाईकोर्ट के वकील भी बेहद भयभीत हैं. इसके चलते हाईकोर्ट में वकीलों की उपस्थिति लगभग एक तिहाई हो गई है. कोर्ट में वकील अपना केस करके घर वापस लौट जाते हैं. हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के निर्देश पर कोर्ट परिसर में वकीलों के मुंशियों के प्रवेश में रोक लगा दी गई है.

बता दें, कोर्ट में उन्हीं पुराने केसों की सुनवाई हो रही है, जिसमें पहले से तारीख निर्धारित थी. हालिया मुकदमों की संख्या भी कोर्ट में सीमित कर दी गई है. वहीं, कोर्ट परिसर में वकीलों के मुंशियों के प्रवेश की अनुमति न मिलने से वकीलों को काफी परेशानी हो रही है. इसके चलते वकीलों को खुद अपने केसों की फाइल ढोनी पड़ रही है. जिससे हाईकोर्ट में वकीलों की संख्या लगातार कम होती जा रही है.

यह भी पढ़ें- यूपी कोरोना अपडेट: आज मिले 2038 नए मरीज, 16,771 केंद्रों पर लगी वैक्सीन


हालांकि, कोर्ट परिसर में भीड़ को कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर यह व्यवस्था लागू की गई है. लेकिन वकीलों के मुंशी अपनी एंट्री न मिलने से खफा हैं. उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट में न्यायाधीश बैठकर काम कर रहे हैं और वकीलों को कोर्ट रूम में बहस करने की छूट मिली है तो मुंशियों के प्रवेश पर पाबंदी क्यों लगाई गई है. बहरहाल, कोरोना महामारी के कारण वकीलों व न्यायिक व्यवस्था से जुड़े लोगों में भय व्याप्त है. इसकी वजह से कोर्ट परिसर में उनकी उपस्थिति एक तिहाई हो गई है.

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प्रयागराज : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई जज कोरोना संक्रमित हो गए हैं. इससे हाईकोर्ट के वकील भी बेहद भयभीत हैं. इसके चलते हाईकोर्ट में वकीलों की उपस्थिति लगभग एक तिहाई हो गई है. कोर्ट में वकील अपना केस करके घर वापस लौट जाते हैं. हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के निर्देश पर कोर्ट परिसर में वकीलों के मुंशियों के प्रवेश में रोक लगा दी गई है.

बता दें, कोर्ट में उन्हीं पुराने केसों की सुनवाई हो रही है, जिसमें पहले से तारीख निर्धारित थी. हालिया मुकदमों की संख्या भी कोर्ट में सीमित कर दी गई है. वहीं, कोर्ट परिसर में वकीलों के मुंशियों के प्रवेश की अनुमति न मिलने से वकीलों को काफी परेशानी हो रही है. इसके चलते वकीलों को खुद अपने केसों की फाइल ढोनी पड़ रही है. जिससे हाईकोर्ट में वकीलों की संख्या लगातार कम होती जा रही है.

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हालांकि, कोर्ट परिसर में भीड़ को कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर यह व्यवस्था लागू की गई है. लेकिन वकीलों के मुंशी अपनी एंट्री न मिलने से खफा हैं. उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट में न्यायाधीश बैठकर काम कर रहे हैं और वकीलों को कोर्ट रूम में बहस करने की छूट मिली है तो मुंशियों के प्रवेश पर पाबंदी क्यों लगाई गई है. बहरहाल, कोरोना महामारी के कारण वकीलों व न्यायिक व्यवस्था से जुड़े लोगों में भय व्याप्त है. इसकी वजह से कोर्ट परिसर में उनकी उपस्थिति एक तिहाई हो गई है.

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