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प्रयागराज: जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने संगम सभागार में 'अमृत ऐप' का किया शुभारंभ - अमृत ऐप

यूपी के प्रयागराज में जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने संगम सभागार में 'अमृत ऐप' का शुभारंभ किया. डीएम ने कहा कि 'अमृत ऐप' कोविड-19 संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर रोकने के लिए अत्यंत कारगर माध्यम साबित होगा.

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‘अमृत ऐप’ का शुभारम्भ
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Published : May 27, 2020, 2:11 PM IST

प्रयागराज: जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने संगम सभागार में ‘अमृत ऐप’ का शुभारम्भ किया. ऐप का शुभारंभ करते हुए डीएम ने कहा कि ‘अमृत ऐप’ कोविड-19 संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकने का एक शक्तिशाली माध्यम साबित होगा.

महामारी से निपटने में होगा कारगर
डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि कोविड-19 जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन के डिजाईन इनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत ‘अमृत ऐप’ को डिजाइन किया गया है. अन्य प्रकार के संक्रामक रोगों और महामारियों को रोकने के लिए इस एप्लीकेशन को आगे भविष्य में भी उपयोग में लाया जा सकता है. इस ऐप में रोगी के मोबाइल से सीधे क्यूआर कोड को स्कैन करने और प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करने की सुविधा है. यह ऐप मैन्युअल रूप से विवरण दर्ज करने की तुलना में समय की बचत करेगा, हालांकि मैन्युअल प्रवेश विकल्प भी है.

संदिग्धों की होगी पहचान
डीएम ने बताया कि प्रशासन इस ऐप की मदद से संदिग्ध कोरोना रोगियों को आसानी से ट्रैक कर सकता है. इस ऐप के माध्यम से समय और संसाधनों की बचत होगी. इसके अतिरिक्त ऐप को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सुविधा के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के लिए डिजाइन किया गया है. जहां वे आसानी से बिना किसी देरी के संदिग्ध कोरोना रोगियों के बारे में जानकारी भेज सकते हैं.

प्रयागराज: जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने संगम सभागार में ‘अमृत ऐप’ का शुभारम्भ किया. ऐप का शुभारंभ करते हुए डीएम ने कहा कि ‘अमृत ऐप’ कोविड-19 संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकने का एक शक्तिशाली माध्यम साबित होगा.

महामारी से निपटने में होगा कारगर
डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि कोविड-19 जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन के डिजाईन इनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत ‘अमृत ऐप’ को डिजाइन किया गया है. अन्य प्रकार के संक्रामक रोगों और महामारियों को रोकने के लिए इस एप्लीकेशन को आगे भविष्य में भी उपयोग में लाया जा सकता है. इस ऐप में रोगी के मोबाइल से सीधे क्यूआर कोड को स्कैन करने और प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करने की सुविधा है. यह ऐप मैन्युअल रूप से विवरण दर्ज करने की तुलना में समय की बचत करेगा, हालांकि मैन्युअल प्रवेश विकल्प भी है.

संदिग्धों की होगी पहचान
डीएम ने बताया कि प्रशासन इस ऐप की मदद से संदिग्ध कोरोना रोगियों को आसानी से ट्रैक कर सकता है. इस ऐप के माध्यम से समय और संसाधनों की बचत होगी. इसके अतिरिक्त ऐप को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सुविधा के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के लिए डिजाइन किया गया है. जहां वे आसानी से बिना किसी देरी के संदिग्ध कोरोना रोगियों के बारे में जानकारी भेज सकते हैं.

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