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न्यायालय को लीगल इंजीनियर की जरूरतः मुख्य न्यायाधीश

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Published : Dec 9, 2019, 7:33 AM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में हीरक जयंती वर्ष सत्र पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान संस्थान के निदेशक ने कहा कि एमएनआईटी लीगल इंजीनियर तैयार करने के लिए विचार कर रहा है.

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हीरक जयंती वर्ष सत्र पर कार्यक्रम आयोजित.

प्रयागराजः जिले के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सोमवार को हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन सत्र पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि देश की विकास धारा और उसकी प्रगति में इंजीनियरों की बहुत बड़ी भूमिका है और इनसे बड़ा उत्पादन कोई नहीं करता.

हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर कार्यक्रम
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सोमवार शाम हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन सत्र पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने शिरकत दी.

हीरक जयंती वर्ष सत्र पर कार्यक्रम आयोजित.

विधि के क्षेत्र में लीगल इंजीनियर की भी जरूरत
मंच से संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आमतौर पर अधिवक्ताओं को सोशल इंजीनियर माना जाता है, लेकिन इस समय विधि के क्षेत्र में लीगल इंजीनियर की भी जरूरत पड़ रही है. यह जरूरत टेक्नोक्रेट्स पूरी कर सकते हैं. साथ ही मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि विधि के जानकारों की टेक्नोक्रेट्स, आईटी, आर्बिट्रेशन समेत कई ऐसे क्षेत्रों में आवश्यकता है.

एमएनआईटी संस्थान करेगा लीगल इंजीनियर तैयार
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक राजीव त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि एमएनआईटी संस्थान लीगल इंजीनियर तैयार करने के लिए विचार कर रहा है. इसके लिए बीटेक और एलएलबी का तीन वर्षीय कोर्स शुरू किया जाएगा. यह कोर्स सिर्फ बीटी पास कर चुके छात्रों के लिए होगा. शुरूआत में इस कोर्स में 30 सीटें होंगी. साथ ही निदेशक ने बताया कि यह संस्थान अपने 60 वर्ष में प्रवेश कर चुका है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: विश्व एड्स दिवस पर लोगों को किया गया जागरूक

प्रयागराजः जिले के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सोमवार को हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन सत्र पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि देश की विकास धारा और उसकी प्रगति में इंजीनियरों की बहुत बड़ी भूमिका है और इनसे बड़ा उत्पादन कोई नहीं करता.

हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर कार्यक्रम
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सोमवार शाम हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन सत्र पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने शिरकत दी.

हीरक जयंती वर्ष सत्र पर कार्यक्रम आयोजित.

विधि के क्षेत्र में लीगल इंजीनियर की भी जरूरत
मंच से संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आमतौर पर अधिवक्ताओं को सोशल इंजीनियर माना जाता है, लेकिन इस समय विधि के क्षेत्र में लीगल इंजीनियर की भी जरूरत पड़ रही है. यह जरूरत टेक्नोक्रेट्स पूरी कर सकते हैं. साथ ही मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि विधि के जानकारों की टेक्नोक्रेट्स, आईटी, आर्बिट्रेशन समेत कई ऐसे क्षेत्रों में आवश्यकता है.

एमएनआईटी संस्थान करेगा लीगल इंजीनियर तैयार
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक राजीव त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि एमएनआईटी संस्थान लीगल इंजीनियर तैयार करने के लिए विचार कर रहा है. इसके लिए बीटेक और एलएलबी का तीन वर्षीय कोर्स शुरू किया जाएगा. यह कोर्स सिर्फ बीटी पास कर चुके छात्रों के लिए होगा. शुरूआत में इस कोर्स में 30 सीटें होंगी. साथ ही निदेशक ने बताया कि यह संस्थान अपने 60 वर्ष में प्रवेश कर चुका है.

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Intro:इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा है कि अमूमन अधिवक्ताओं को सोशल इंजीनियर माना जाता है लेकिन अब इस समय विधि के क्षेत्र में लीगल इंजीनियर की भी जरूरत पड़ रही है यह जरूरत टेक्नोक्रेट्स पूरी कर सकते हैं उन्होंने यह बातें मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में कल शाम आयोजित हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन सत्र के दौरान अपने संबोधन में कही उन्होंने अपने संबोधन देते हुए कहा कि विधि के जानकार टेक्नोक्रेट्स की इंसुरेंस आईटी आर्बिट्रेशन समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर इनकी आवश्यकता है उन्होंने कहा कि देश की विकास धारा वह उसके प्रगति में इंजीनियर्स की बहुत बड़ी भूमिका है और इनसे बड़ा उत्पादन करता कोई नहीं है।


Body:हीरक जयंती वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक ने अपना संबोधन देते हुए कहा कि मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान लीगल इंजीनियर तैयार करने के लिए अब विचार कर रहा है इसके लिए बी टेक एलएलबी का तीन वर्षीय कोर्स शुरू किया जाएगा यह कोर्स सिर्फ बीटी पास कर चुके छात्रों के लिए होगा शुरुआत में इसमें 30 सीटें होंगी अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान अपने 60 वर्ष में प्रवेश कर गया है ऐसे में यहां पर अब यह बहुत ही अच्छा अवसर है उन्होंने अपने संबोधन में यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन सत्र के लिए मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को आमंत्रण भेजने के दौरान यह सुझाव मिला था जिस पर संस्थान अपनी तैयारी शुरू किया है


Conclusion:बता दें कि अभी तक देश के किसी भी एनआईटी में एलएलबी का पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाया जाता है ऐसे में एमएनआईटी विधि पाठ्यक्रम को शुरू करने वाला पहला ऐसा संस्थान होगा उन्होंने अपने संबोधन के दौरान संस्थान की उपलब्धियों और यहां से निकले पूरा छात्रों के सहयोग और पब्लिक सेक्टर में उनकी सेवाओं के बारे में चर्चा की।

बाईट: राजीव त्रिपाठी निदेशक मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज
9044173173
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