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HC से झांसी के देव गुप्ता को मिली राहत, SCST एक्ट के तहत अपराध में जमानत हुई मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी सिपरी बाजार निवासी देव गुप्ता की एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध में जमानत मंजूर कर ली है. हाईकोर्ट ने विशेष न्यायालय के जमानत देने से इनकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है.

HC से झांसी के देव गुप्ता को मिली राहत, SCST एक्ट के तहत अपराध में जमानत हुई मंजूर
HC से झांसी के देव गुप्ता को मिली राहत, SCST एक्ट के तहत अपराध में जमानत हुई मंजूर
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Published : Jan 20, 2021, 10:06 PM IST

प्रयागराजः हाईकोर्ट ने एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध में देव गुप्ता की जमानत मंजूर कर ली है. देव गुप्ता झांसी के सिपरी बाजार का रहने वाला है. हाईकोर्ट ने विशेष न्यायालय के जमानत देने से इनकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने दिया है.

हाईकोर्ट से मिली राहत

अधिवक्ता अश्विनी कुमार ओझा ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए बहस की. याची पर आरोप है कि उसने अनुसूचित जाति की लडकी से जबरन शारीरिक संबंध बनाये. इसके साथ ही वीडियो क्लिपिंग्स के जरिये सेक्स के लिए ब्लैकमेल किया.

याची अधिवक्ता का कहना था कि दोनों में लव अफेयर्स को परिवार के लोग पसंद नहीं कर रहे हैं. उसे झूठा फंसाया गया है. मेडिकल रिपोर्ट में शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं. प्राथमिकी तीन माह बाद लिखायी गयी है. मुकदमे की शीघ्र सुनवाई की संभावना नहीं है, और याची 21मई2020 से जेल में है. हालांकि कोर्ट ने याची को विचारण में सहयोग करने और जमानत का दुरूपयोग न करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराजः हाईकोर्ट ने एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध में देव गुप्ता की जमानत मंजूर कर ली है. देव गुप्ता झांसी के सिपरी बाजार का रहने वाला है. हाईकोर्ट ने विशेष न्यायालय के जमानत देने से इनकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने दिया है.

हाईकोर्ट से मिली राहत

अधिवक्ता अश्विनी कुमार ओझा ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए बहस की. याची पर आरोप है कि उसने अनुसूचित जाति की लडकी से जबरन शारीरिक संबंध बनाये. इसके साथ ही वीडियो क्लिपिंग्स के जरिये सेक्स के लिए ब्लैकमेल किया.

याची अधिवक्ता का कहना था कि दोनों में लव अफेयर्स को परिवार के लोग पसंद नहीं कर रहे हैं. उसे झूठा फंसाया गया है. मेडिकल रिपोर्ट में शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं. प्राथमिकी तीन माह बाद लिखायी गयी है. मुकदमे की शीघ्र सुनवाई की संभावना नहीं है, और याची 21मई2020 से जेल में है. हालांकि कोर्ट ने याची को विचारण में सहयोग करने और जमानत का दुरूपयोग न करने का निर्देश दिया है.

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