प्रयागराज: दशनाम जूना अखाड़ा ने यमुना नदी के किनारे देव दीपावली कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें स्थानीय लोगों के साथ दूरदराज से आए लोगों ने दीप जलाए. दीपों के जलने के बाद यमुना नदी का किनारा देखने लायक था. हजारों लाखों की संख्या में दीपों के जलने के बाद ऐसा लगा कि आसमान के तारे नीचे उतर आए हों. जूना अखाड़े के संतों का मानना है कि इस दिन दीपक जलाने से दीपों के तरह जीवन भी उज्जवल हो जाता है.
हर जगह की तरह प्रयागराज में भी जगह-जगह देव दीपावली कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इसी क्रम में हर वर्ष दशनाम जूना अखाड़ा भी भव्य तरीके से इस कार्यक्रम का आयोजन करता है. इसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं और दीपों को जलाकर अपने जीवन की मंगल कामना की प्रार्थना करते हैं.
अखाड़ा के संतों की मानें तो हम लोगों के यहां जो दान किया जाता है उसकी संख्या नहीं देखनी चाहिए. दीपदान का भौतिक अध्यात्मिक और बहुत ही अनेका अनेक लाभ है. जब हम दीपदान करते हैं तो जिस प्रकार ज्ञान का प्रकाश मिलने से अंतर्मन का अंधकार दूर होता है, उसी प्रकार से दीपों के प्रज्ज्वलित होने से अनेकों अनेक कीड़े मकोड़े नष्ट होते हैं और कोरोना जैसे शत्रु का भी इन दीपों के जलने से नाश होगा और पूरा समाज स्वस्थ होगा.
वहीं इस कार्यक्रम में आए श्रद्धालुओं ने कहा कि इस तरह का भव्यतम नजारा और कहीं देखने को नहीं मिलता है. इस तरह का नजारा केवल प्रयागराज में ही देखने को मिलता है. इन श्रद्धालुओं का कहना है कि आज देव दीपावली मनाते हुए भगवान से प्रार्थना की गई है कि दीपों के प्रकाश फैलते ही कोरोना जैसी महामारी का भी खात्मा हो जाये.