प्रयागराजः कोरोना की मार झेल रहे किसानों पर अब प्रशासन की लापरवाही भारी पड़ रही है. सिंचाई विभाग की लापरवाही से लबालब हुई धान की पकी फसल को देखने अभी तक कोई भी आधिकारी नहीं पहुंचा. किसानों की सैकड़ों बीघा पका धान खेतों में तैर रहा है. किसान इसे बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं.
बता दें कि बीते दिनों सिंचाई विभाग के द्वारा रजबहा करछना में क्षमता से अधिक पानी छोड़ दिए जाने से नहर टूट गई थी. जिससे पानी धान के खेत में पहुंच गया. खेत में धान काट कर सुखाने के लिए फैलाया गया था. खेतों में पानी लग जाने से धान की फसल तैरने लगी. पानी रोकने और अपनी फसल बचाने के लिए किसान प्रशासन के दरवाजे तक पहुंचे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने खेतों में धान की हालत तक देखने की जहमत नहीं उठाई.
फसल बचाने में जुटे किसान
अपनी मेहनत की कमाई को यूं पानी में तैरता देख किसान परिवार सहित अब उसे बचाने की जद्दोजहद में लग गया है. किसी तरह से धान की फसल को पानी से निकाल कर सूखे जगहों पर ले जाया जा रहा है, लेकिन किसानों की यह कोशिश प्रशासन की लापरवाही पर नाकाफी साबित हो रही है.
खेतों में अपनी फसल को पानी से निकाल रहे किसान कुलदीप कुमार, राधेश्याम, रवि कुमार द्विवेदी व राजबहादुर ने बताया गया कि 4 दिन से खेत में पानी भरा है. जिससे धान की फसल सड़ती जा रही है. हम लोग चारपाई पर धान को रख कर धान को बाहर निकाल रहे हैं.
जब जरूरत थी नहीं मिला पानी
नाराज किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिरियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम किसानों को धान की फसल लगाने और उसकी सिंचाई के लिए पानी की जरूरत थी तब सिंचाई विभाग ने नहर में पानी नहीं छोड़ा. हम लोगों ने नलकूप के द्वारा पानी खरीद कर किसी तरह धान की खेतों की सिंचाई की थी. जब हमारी धान की फसल पक कर तैयार हुई और काटकर खेत में सुखाने के लिए छोड़ दिए तो नहर में क्षमता से अधिक पानी छोड़ दिया गया. जिससे नहर टूट गई. खेत में पानी भरने से खेत में कटे हुए धान अब सड़ने लगे हैं, जबकि हम किसानों द्वारा एसडीएम करछना व अन्य संबंधित अधिकारियों से शिकायत भी की फिर भी कोई अधिकारी अभी तक देखने तक नहीं आया.