प्रयागराज: शिक्षा अधिकरण प्रयागराज में स्थापित किए जाने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर से मिला. प्रतिनिधिमंडल में शामिल अधिवक्ता विजय चंद श्रीवास्तव, शारदचंद्र मिश्रा, सुनीता शर्मा और पूजा मिश्रा ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि एसी तिवारी और सुनीता शर्मा की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई जल्द से जल्द की जाए, ताकि प्रधान पीठ इलाहाबाद में स्थापित किए जाने के संबंध में निर्णय पारित हो सके.
अनुरोध पत्र में कहा गया है कि शिक्षा अधिकरण जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत सिंह को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है.
अनुरोध पत्र में आगे कहा गया कि अधिकरण की प्रधान पीठ की स्थापना लखनऊ में तथा इसकी बेंच प्रयागराज में स्थापित करने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है, जो न्यायालय के आदेश की अवमानना है. इसलिए शिक्षा अधिकरण जनहित याचिका की सुनवाई तत्काल किए जाने की आवश्यकता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शिक्षा अधिकारी मुद्दे पर इलाहाबाद के वकीलों की मांग माने जाने के लिए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का आभार जताया है. साथ ही पदाधिकारियों ने कहा है कि प्रयागराज में अधिकरण की बेंच बनाने का निर्णय वकीलों की प्रारंभिक जीत है. क्षेत्राधिकार और अन्य मुद्दों पर आगे निर्णय लिया जाएगा. अभी इस मामले में जनहित याचिका भी लंबित है.
वकीलों का कहना है कि अधिवक्ताओं के आंदोलन में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के प्रयासों के कारण ही मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री से वार्ता हुई और अधिवक्ता गण अपना पक्ष रख सके. इसलिए उनका योगदान सराहनीय है.
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार मिश्र 'गांधी' ने की. इसमें महासचिव जेबी सिंह, अजीत कुमार यादव, विजय सिंह सिंगर, प्रियदर्शी त्रिपाठी, सर्वेश कुमार दुबे, नीलम शुक्ला, सुरेंद्र नाथ मिश्र और अशोक कुमार मिश्र आदि उपस्थित रहे.