प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को मथुरा शाही ईदगाह कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में निर्णय नहीं आ सका. हाईकोर्ट इस मामले में अब एक मई को निर्णय सुनाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने दिया है. मथुरा स्थित शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट और श्रीकृष्ण विराजमान के मध्य भूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर कोर्ट ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की बहस पूरी होने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था और उसके लिए 24 अप्रैल की तारीख लगाई थी.
मामले के तथ्यों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मथुरा की तरफ से सिविल जज की अदालत में लंबित दीवानी मुकदमे में 20 जुलाई 1973 के फैसले को रद्द करने और 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम घोषित किए जाने की मांग की गई थी. वादी की ओर से कहा गया था कि जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर 1973 में दिया गया. निर्णय वादी पर लागू नहीं होगा, क्योंकि उसमें वह पक्षकार नहीं था.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की आपत्ति की सुनवाई करते हुए अदालत ने 30 सितंबर 20 को दीवानी मुकदमा खारिज कर दिया. जिसके खिलाफ भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से अपील दाखिल की गई. विपक्षी ने अपील की पोषणीयता पर आपत्ति की. जिला जज मथुरा की अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए अपील को पुनरीक्षण अर्जी में तब्दील कर दिया.
पुनरीक्षण अर्जी पर पांच प्रश्न तय किए गए। 19 मई 22 को जिला जज की अदालत ने वाद खारिज करने के सिविल जज के 30 सितंबर 2020 के आदेश को रद्द कर दिया और अधीनस्थ अदालत को दोनों पक्षों को सुनकर नियमानुसार आदेश करने का निर्देश दिया है. इन याचिकाओं में इसी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी गई है.
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