ETV Bharat / state

संगम और गंगा घाटों पर लापरवाही से हो रही डूबने से मौतें - प्रयागराज की ताजी खबर

प्रयागराज के संगम तट और गंगा घाटों पर डूबने से लगातार कई मौतें हो चुकीं हैं. आखिर इसकी वजह क्या है चलिए जानते हैं.

Etv bharat
Etv bharat
author img

By

Published : Jun 15, 2023, 7:40 PM IST

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में इन दिनों गंगा के अलग-अलग घाटों और संगम तट पर डूबने से कई लोगों की जानें जा चुकीं हैं.संगम से दूर फाफामऊ घाट पर ही 40 दिनों के भीतर 13 लोग डूबकर अपनी जान गवां चुके हैं जबकि पूरे जिले में अलग अलग स्थानों पर इसी समयावधि के दौरान करीब 40 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है. प्रयागराज में लगातार गंगा और संगम में स्नान करने के दौरान हो रहे हादसे के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं और लापरवाही की वजह लोगों की जान जा रही है.

Etv bharat
एक बाद एक कई मौतें डूबने से हुईं.

फाफामऊ घाट पर बुधवार को चार लोग डूबे थे
प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर बुधवार की सुबह आरएएफ के जवान और उसके दो बच्चों के साथ एक पड़ोसी के बच्चे की भी डूबने से मौत हुई थी.इसी तरह से फाफामऊ घाट पर मई महीने से अभी तक 13 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है. इसमें से ज्यादातर छात्र रहे हैं.जो पानी में नहाने के दौरान हादसे का शिकार हो गए और उनकी जान चली गयी.फाफामऊ घाट के एक तरफ फाफामऊ थाना लगता है जबकि दूसरी तरफ शिवकुटी थाना क्षेत्र पड़ता है.फाफामऊ पुल के दोनों तरफ बने स्नान घाटों और आसपास के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम होने के बावजूद घटनाएं हो जा रही हैं.जिससे घाटों पर किये गए सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.संगम और गंगा घाटों पर लगातार घटनाएं हो रही हैं लेकिन पुलिस और प्रशासन डूबने वालों को बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर पा रहा है. फाफामऊ से संगम की तरफ जाने वाली गंगा की धारा देखने में कम गहरी लगती है लेकिन उस धारा में बहाव तेज है जिससे लोग चकमा खा जाते हैं और तेज बहाव में बहने से उनकी मौत हो जाती है.

प्रयाजराज में स्नान के मुख्य घाट
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा यमुना का पाट कई किलोमीटर लंबा व चौड़ा है.गंगा के दोनों तरफ किनारों पर तमाम स्थानों पर लोग गंगा स्नान करते हैं.शहर में 8 प्रमुख बड़े स्नान घाट हैं जहां पर जल पुलिस और गोताखोर के साथ ही पीएसी के जवान भी तैनात रहते हैं लेकिन इसके बावजूद स्नान करने वालों की डूबने से मौत हो रही है.संगम पर स्नान करने के दौरान डीप वाटर बैरिकेडिंग को पार करके स्नान करने वालों के साथ हादसा होता है.जल पुलिस के प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि स्नान घाटों पर जल पुलिस के साथ ही गोताखोरों की तैनाती रहती हैं.इसके साथ ही प्रमुख घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग किया गया है लेकिन इसके बावजूद लोग लापरवाही करके गहरे पानी की तरफ जाते हैं जहां पर स्नान करना खतरनाक होता है उसी क्षेत्र में जाकर लोग गंगा के पानी में मस्ती करते हैं. अक्सर नदी में वही लोग हादसे का शिकार होते हैं जो पानी के अंदर लापरवाही करते हैं.

प्रमुख स्नान घाट
1.संगम घाट
2.राम घाट
3.काली घाट
4.दशाश्वमेघ घाट
5.महवीरपुरी घाट
6.फाफामऊ घाट
7.झूंसी छतनाग घाट
8.अरैल घाट

Etv bharat
जल पुलिस की पाबंदियों को नहीं मान रहे लोग.
संगम पर जल पुलिस रहती है तैनात संगम नगरी प्रयागराज में संगम तट पर जल पुलिस चौकी बनी हुई है.जल पुलिस चौकी में दारोगा से लेकर सिपाही और पीएसी के जवानों के अलावा निजी गोताखोर तक तैनात हैं.जल पुलिस के ये जवान गंगा यमुना में नाव और मोटर बोट पर तैनात रहते हैं.साथ ही पानी में गोताखोर की टीम भी तैनात रहती है लेकिन इन सब के बावजूद संगम पर हादसे में दो युवक डूब गए. इसको लेकर जल पुलिस की तैनाती पर सवाल खड़े होने लगे.इस सवाल पर जल पुलिस के प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि संगम के साथ ही दूसरे घाटों पर भी जल पुलिस के जवान तैनात रहते हैं.श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की सुरक्षा को लेकर जल पुलिस हमेशा प्रयासरत रहती है.उनका कहना है कि नदी में गहरे पानी की तरफ जाने पर रोका टोका जाता रहता है.लेकिन उसके बावजूद कई बार कुछ उत्साही युवा डीप वाटर बैरिकेडिंग को भी पार कर जाते हैं.उसी में कभी कभी हादसे भी हो जाते हैं.

चेतावनी न मानने वाले होते हादसे का शिकार
संगम तट पर मौजूद नाविक और घाट लगाने वाले पुरोहितों भी गहरे पानी मे जाने वालों रोकते टोकते हैं.लेकिन उत्साही युवा उनकी बात मानने की जगह उल्टा लड़ने को तैयार हो जाते हैं.मना करने या टोकने के बावजूद युवा कई घंटे तक पानी में खेलकूद और मस्ती करते रहते हैं.जब उन्हें रोका टोका जाता है तब वो उलझने लगते हैं.अक्सर ऐसे ही युवक हादसों का शिकार हो जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः Maha Kumbh 2025: जानिए कुंभ मेले की कब होगी शुरुआत और महत्वपूर्ण स्नान?

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में इन दिनों गंगा के अलग-अलग घाटों और संगम तट पर डूबने से कई लोगों की जानें जा चुकीं हैं.संगम से दूर फाफामऊ घाट पर ही 40 दिनों के भीतर 13 लोग डूबकर अपनी जान गवां चुके हैं जबकि पूरे जिले में अलग अलग स्थानों पर इसी समयावधि के दौरान करीब 40 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है. प्रयागराज में लगातार गंगा और संगम में स्नान करने के दौरान हो रहे हादसे के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं और लापरवाही की वजह लोगों की जान जा रही है.

Etv bharat
एक बाद एक कई मौतें डूबने से हुईं.

फाफामऊ घाट पर बुधवार को चार लोग डूबे थे
प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर बुधवार की सुबह आरएएफ के जवान और उसके दो बच्चों के साथ एक पड़ोसी के बच्चे की भी डूबने से मौत हुई थी.इसी तरह से फाफामऊ घाट पर मई महीने से अभी तक 13 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है. इसमें से ज्यादातर छात्र रहे हैं.जो पानी में नहाने के दौरान हादसे का शिकार हो गए और उनकी जान चली गयी.फाफामऊ घाट के एक तरफ फाफामऊ थाना लगता है जबकि दूसरी तरफ शिवकुटी थाना क्षेत्र पड़ता है.फाफामऊ पुल के दोनों तरफ बने स्नान घाटों और आसपास के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम होने के बावजूद घटनाएं हो जा रही हैं.जिससे घाटों पर किये गए सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.संगम और गंगा घाटों पर लगातार घटनाएं हो रही हैं लेकिन पुलिस और प्रशासन डूबने वालों को बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर पा रहा है. फाफामऊ से संगम की तरफ जाने वाली गंगा की धारा देखने में कम गहरी लगती है लेकिन उस धारा में बहाव तेज है जिससे लोग चकमा खा जाते हैं और तेज बहाव में बहने से उनकी मौत हो जाती है.

प्रयाजराज में स्नान के मुख्य घाट
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा यमुना का पाट कई किलोमीटर लंबा व चौड़ा है.गंगा के दोनों तरफ किनारों पर तमाम स्थानों पर लोग गंगा स्नान करते हैं.शहर में 8 प्रमुख बड़े स्नान घाट हैं जहां पर जल पुलिस और गोताखोर के साथ ही पीएसी के जवान भी तैनात रहते हैं लेकिन इसके बावजूद स्नान करने वालों की डूबने से मौत हो रही है.संगम पर स्नान करने के दौरान डीप वाटर बैरिकेडिंग को पार करके स्नान करने वालों के साथ हादसा होता है.जल पुलिस के प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि स्नान घाटों पर जल पुलिस के साथ ही गोताखोरों की तैनाती रहती हैं.इसके साथ ही प्रमुख घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग किया गया है लेकिन इसके बावजूद लोग लापरवाही करके गहरे पानी की तरफ जाते हैं जहां पर स्नान करना खतरनाक होता है उसी क्षेत्र में जाकर लोग गंगा के पानी में मस्ती करते हैं. अक्सर नदी में वही लोग हादसे का शिकार होते हैं जो पानी के अंदर लापरवाही करते हैं.

प्रमुख स्नान घाट
1.संगम घाट
2.राम घाट
3.काली घाट
4.दशाश्वमेघ घाट
5.महवीरपुरी घाट
6.फाफामऊ घाट
7.झूंसी छतनाग घाट
8.अरैल घाट

Etv bharat
जल पुलिस की पाबंदियों को नहीं मान रहे लोग.
संगम पर जल पुलिस रहती है तैनात संगम नगरी प्रयागराज में संगम तट पर जल पुलिस चौकी बनी हुई है.जल पुलिस चौकी में दारोगा से लेकर सिपाही और पीएसी के जवानों के अलावा निजी गोताखोर तक तैनात हैं.जल पुलिस के ये जवान गंगा यमुना में नाव और मोटर बोट पर तैनात रहते हैं.साथ ही पानी में गोताखोर की टीम भी तैनात रहती है लेकिन इन सब के बावजूद संगम पर हादसे में दो युवक डूब गए. इसको लेकर जल पुलिस की तैनाती पर सवाल खड़े होने लगे.इस सवाल पर जल पुलिस के प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि संगम के साथ ही दूसरे घाटों पर भी जल पुलिस के जवान तैनात रहते हैं.श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की सुरक्षा को लेकर जल पुलिस हमेशा प्रयासरत रहती है.उनका कहना है कि नदी में गहरे पानी की तरफ जाने पर रोका टोका जाता रहता है.लेकिन उसके बावजूद कई बार कुछ उत्साही युवा डीप वाटर बैरिकेडिंग को भी पार कर जाते हैं.उसी में कभी कभी हादसे भी हो जाते हैं.

चेतावनी न मानने वाले होते हादसे का शिकार
संगम तट पर मौजूद नाविक और घाट लगाने वाले पुरोहितों भी गहरे पानी मे जाने वालों रोकते टोकते हैं.लेकिन उत्साही युवा उनकी बात मानने की जगह उल्टा लड़ने को तैयार हो जाते हैं.मना करने या टोकने के बावजूद युवा कई घंटे तक पानी में खेलकूद और मस्ती करते रहते हैं.जब उन्हें रोका टोका जाता है तब वो उलझने लगते हैं.अक्सर ऐसे ही युवक हादसों का शिकार हो जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः Maha Kumbh 2025: जानिए कुंभ मेले की कब होगी शुरुआत और महत्वपूर्ण स्नान?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.