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Mahashivratri पर पड़िला महादेव में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब - महाशिवरात्रि मेला प्रयागराज

महाशिवरात्रि के साथ ही प्रयागराज के पड़िला महादेव मंदिर में तीन दिवसीय मेला शुरू हो गया है. यहां गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु पड़िला महादेव के मंदिर में कांवड़ लेकर आते है.

Mahashivaratri in pryagraj
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Published : Feb 18, 2023, 8:39 AM IST

Updated : Feb 18, 2023, 9:46 AM IST

प्रयागराज के पड़िला महादेव मंदिर में जलाभिषेक को उमड़े भक्त

प्रयागराज: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रयागराज के सोराव विकास खंड में स्थित पड़िला महादेव मंदिर में तीन दिवसीय मेला शुरू हो गया है. प्रसिद्ध पड़िला महादेव मंदिर में देर रात से श्रद्धालु जलाभिषेक कर रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में व्यापक इंतजाम किए गए हैं. पुराणों के अनुसार इस मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी.

महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में श्रद्धालु देर रात से ही दर्शन और पूजन के लिए पहुंचने लगे. वहीं, इस अवसर पर धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पड़िला महादेव मंदिर में प्रयागराज सहित प्रदेश के कोने-कोने से आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालू भगवान शिव को दूध और जल का अभिषेक कर सुख समृद्ध की कामना कर रहते है. गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु पड़िला महादेव के मंदिर में कावड़ लेकर आते हैं.

3 दिन तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न जिलों से आने वाले दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिये यहां पुलिस द्वारा कड़े इंतजाम किये गये हैं. मंदिर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है. मेले के दौरान यहां पर कजरहवा मेले का भी आयोजन होता है. इस आयोजन में ग्रामीण परिवेश की महिलायें सज-धज कर आती हैं और मेले से घरेलू उपयोग की वस्तुओं की खरीददारी के साथ ही काजल भी खरीदती है. मान्यता है कि यह काजल भगवान शिव के विवाह के समय मंडप पारा गया काजल होता है. माना जाता है कि
इसको लगाने से दोषों रक्षा होती है.

वहीं इस दौरान कुंवारी कन्याएं व्रत रखकर शिवलिंग का दर्शन करती हैं, मान्यता है कि ऐसा करने पर उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है. मेले के दौरान दर्शनार्थी यहां के मशहूर पेड़े की खरीददारी करते हैं. पड़िला महादेव मेले में मिलने वाला पेड़ा कजरहवा पेड़ा के नाम से भी जाना जाता है, जो काफी प्रसिद्ध है.

वहीं, त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का भोर से ही तांता लगा रहा. संगम सहित अन्य प्रमुख घाटों पर प्रातःकाल से ही दूरदराज से आये श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी. बता दें कि महाशिवरात्रि माघ मेले का अंतिम स्नान है, जिसके बाद माघ मेले का समापन हो जाएगा. वहीं, प्रयागराज के प्रमुख शिव मंदिर मनकामेश्वर नागवासुकि पाण्डेश्वर धाम में भी श्रद्धालु संगम स्नान के बाद पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः महाशिवरात्रि पर 27 साल बाद अद्भुत संयोग, आप करें राशि के हिसाब से रुद्राभिषेक, जानें कैसे

प्रयागराज के पड़िला महादेव मंदिर में जलाभिषेक को उमड़े भक्त

प्रयागराज: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रयागराज के सोराव विकास खंड में स्थित पड़िला महादेव मंदिर में तीन दिवसीय मेला शुरू हो गया है. प्रसिद्ध पड़िला महादेव मंदिर में देर रात से श्रद्धालु जलाभिषेक कर रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में व्यापक इंतजाम किए गए हैं. पुराणों के अनुसार इस मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी.

महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में श्रद्धालु देर रात से ही दर्शन और पूजन के लिए पहुंचने लगे. वहीं, इस अवसर पर धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पड़िला महादेव मंदिर में प्रयागराज सहित प्रदेश के कोने-कोने से आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालू भगवान शिव को दूध और जल का अभिषेक कर सुख समृद्ध की कामना कर रहते है. गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु पड़िला महादेव के मंदिर में कावड़ लेकर आते हैं.

3 दिन तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न जिलों से आने वाले दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिये यहां पुलिस द्वारा कड़े इंतजाम किये गये हैं. मंदिर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है. मेले के दौरान यहां पर कजरहवा मेले का भी आयोजन होता है. इस आयोजन में ग्रामीण परिवेश की महिलायें सज-धज कर आती हैं और मेले से घरेलू उपयोग की वस्तुओं की खरीददारी के साथ ही काजल भी खरीदती है. मान्यता है कि यह काजल भगवान शिव के विवाह के समय मंडप पारा गया काजल होता है. माना जाता है कि
इसको लगाने से दोषों रक्षा होती है.

वहीं इस दौरान कुंवारी कन्याएं व्रत रखकर शिवलिंग का दर्शन करती हैं, मान्यता है कि ऐसा करने पर उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है. मेले के दौरान दर्शनार्थी यहां के मशहूर पेड़े की खरीददारी करते हैं. पड़िला महादेव मेले में मिलने वाला पेड़ा कजरहवा पेड़ा के नाम से भी जाना जाता है, जो काफी प्रसिद्ध है.

वहीं, त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का भोर से ही तांता लगा रहा. संगम सहित अन्य प्रमुख घाटों पर प्रातःकाल से ही दूरदराज से आये श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी. बता दें कि महाशिवरात्रि माघ मेले का अंतिम स्नान है, जिसके बाद माघ मेले का समापन हो जाएगा. वहीं, प्रयागराज के प्रमुख शिव मंदिर मनकामेश्वर नागवासुकि पाण्डेश्वर धाम में भी श्रद्धालु संगम स्नान के बाद पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे.

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Last Updated : Feb 18, 2023, 9:46 AM IST
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