प्रयागराजः उत्तर प्रदेश की संगमनगरी प्रयागराज में 14 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले में कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर सतर्कता बरतने की तैयारी है.ऐसे में माघ मेले में आने वाले कल्पवासी और श्रद्धालुओं से प्रशासन ने अपील की है कि वो कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के बाद ही मेले में आएं. इसके साथ ही माघ मेला क्षेत्र में कोरोना जांच के साथ ही वैक्सीन कैंप लगाए जाने की व्यवस्था रहेगी. वहीं इस वक्त संगम पर मास्क, सेनेटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग जैसे किसी नियम का पालन होता नहीं दिख रहा है.
संगम की धरती पर लगने वाला माघ मेला 14 जनवरी से शुरू होगा. मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ शुरू होने वाला माघ मेला 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ समाप्त होगा. एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस माघ मेले में करोड़ों लोगों की भीड़ आएगी. ऐसे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में कोरोना और ओमीक्रोन से संक्रमितों को आने से रोक पाना मेला प्रशासन के लिए काफी मुश्किल है. यही वजह है कि मेला प्रशासन की तरफ से अपील की गयी है कि मेले में आने से पहले श्रद्धालू कोविड टीका की दोनों डोज लगवा लें. जिससे कि माघ मेले में कोरोना संक्रमण फैलने से पहले ही उसको रोका जा सके.
देश में कोरोना के नए स्वरूप का फैलना काफी तेज गति से शुरू हो गया है. सिर्फ 20 दिनों में देश में ओमीक्रोन के मामले 1 से बढ़कर 213 तक पहुंच गए हैं. ओमीक्रोन के पहले से पचास केस तक होने में जहां 15 दिन का समय लगा था.वहीं 50 से बढ़कर संक्रमितों की संख्या 200 के पार होने में चार दिन भी नहीं लगे. इसी रफ्तार से ओमीक्रोन के मामले में देश में बढ़ते रहेंगे तो माघ मेला जैसे बड़े आयोजन करवाना भी सरकार को भारी पड़ सकता है. मेले में आने वाली लाखों की भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगवाने के नियम का पालन करवाना भी आसान नहीं होगा.
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कमिश्नर की अपील- दोनों डोज लगवाकर ही मेले में आएं
देश में कोरोना के नए स्वरूप के तेजी से प्रसार को लेकर इस बार के माघ मेले को ओमीक्रोन खतरे के बीच सकुशल सम्पन्न करवाना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. ऐसे में माघ मेले में आने वाले अलग-अलग प्रदेशों के कल्पवासी और स्नानार्थियों की कोरोना जांच पड़ताल करवा पाना माघ मेला प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा.
ऐसे में कमिश्नर संजय गोयल ने जिला प्रशासन और माघ मेला प्रशासन की तरफ से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है. उन्होंने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि माघ मेले में आने से पहले कोविड टीके के दोनों डोज लगवा लें. यही नहीं इस बार मेले में संस्थाओं को सुविधा पर्ची देने से पहले भी उनके दोनों डोज लगे होने का प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है.
14 जनवरी से 17 फरवरी तक रहेगी मेले में भीड़
जनवरी में शुरू होने वाले माघ मेले की शुरुआत 14 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ होगी. इसके बाद 17 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही एक महीने का कल्पवास शुरू हो जाएगा. माघ मेले का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या 1 फरवरी को होगा. इसी स्नान पर्व पर माघ मेले में सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है. इसके बाद 5 फरवरी को बसंत पंचमी का स्नान पर्व होगा. इसके साथ ही 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ ही कल्पवास माघ मेले की समाप्ति हो जाएगी. वहीं 1 मार्च को महा शिवरात्रि के दिन भी संगम में स्नान के लिए स्नानार्थियों की भीड़ जुटेगी.
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