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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवादः मथुरा की अदालत को इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश, 4 महीने में निपटाएं सभी अर्जियां

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि की जमीन से अतिक्रमण हटाने, निषेधाज्ञा जारी करने की अर्जियां तय करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पक्षों को सुनकर तय करने के लिए चार महीने का समय दिया है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट
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Published : May 12, 2022, 5:32 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी केशव देव की 13.37 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सहित अन्य विपक्षियों के खिलाफ निरोधात्मक आदेश जारी करने की मांग में विचाराधीन अर्जियों को यथाशीघ्र चार महीने में तय करने का निर्देश दिया है.

याची का कहना है कि 11 दिसंबर 20 से अर्जियां लंबित है, जिसे तय नहीं किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि उन्होंने केस के गुणदोष व पोषणीयता पर विचार व्यक्त नहीं किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोई वैधानिक अड़चन न हो तो प्रभावित प्रक्षकारों को सुनकर सभी अर्जियों को यथीशीघ्र तय किया जाये. ये आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

इसे भी पढ़ें- आरटीआई में खुलासाः सार्वजनिक जमीन पर बनी है ऊपरकोट जामा मस्जिद

याची का कहना है कि उसने सिविल प्रक्रिया संहिता के उपबंधों के तहत सिविल जज की डिग्री निरस्त करने की मागं की है. इसके साथ ही अतिक्रमण हटाने और निरोधात्मक आदेश जारी करने की मांग की है. जिसका निस्तारण नहीं किया जा रहा है.

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी केशव देव की 13.37 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सहित अन्य विपक्षियों के खिलाफ निरोधात्मक आदेश जारी करने की मांग में विचाराधीन अर्जियों को यथाशीघ्र चार महीने में तय करने का निर्देश दिया है.

याची का कहना है कि 11 दिसंबर 20 से अर्जियां लंबित है, जिसे तय नहीं किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि उन्होंने केस के गुणदोष व पोषणीयता पर विचार व्यक्त नहीं किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोई वैधानिक अड़चन न हो तो प्रभावित प्रक्षकारों को सुनकर सभी अर्जियों को यथीशीघ्र तय किया जाये. ये आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

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याची का कहना है कि उसने सिविल प्रक्रिया संहिता के उपबंधों के तहत सिविल जज की डिग्री निरस्त करने की मागं की है. इसके साथ ही अतिक्रमण हटाने और निरोधात्मक आदेश जारी करने की मांग की है. जिसका निस्तारण नहीं किया जा रहा है.

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