प्रयागराज: जिले के मेंडारा ग्राम सभा में 50 से ज्यादा मौतें होने के बाद अब जिले का स्वास्थ महकमा जागा है. एक महीने में इतनी मौतों की खबर सामने आने के बाद मेडिकल की टीम गांव में कैम्प लगाकर ग्रामीणों की कोरोना जांच कर रही है. यह टीम एंटीजन के साथ ही आरटीपीसीआर जांच भी कर रही है. इसके साथ ही सफाई कर्मियों की टीम भी गांव में साफ सफाई करने के साथ सैनिटाइजेशन करने में जुटी है.
50 मौतों के बाद कोरोना जांच करने पहुंची टीम
प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर ब्लॉक के मेंडारा गांव में 13 अप्रैल के बाद से लोगों की मौत होने का सिलसिला शुरू हो गया. इसके बाद हजारों की आबादी वाले इस गांव में एक-एक कर 50 से ज्यादा की मौत महीने भर में हो गई. ग्रामीणों के अनुसार 13 अप्रैल के बाद कोरोना जैसे लक्षणों की वजह से अधिकतर ग्रामीणों की मौत हुई है. हालांकि मरने वालों में कुछ लोग पहले से भी दूसरी बीमारियों से ग्रसित थे. 50 से ज्यादा मौतों के बाद अब जिला प्रशासन की आंखे खुली है. अफसरों के निर्देश पर अब इस गांव में स्वास्थ विभाग की टीम पहुंची है.
ईटीवी भारत की खबर का हुआ असर
ईटीवी भारत ने इस खबर को दो दिन पहले प्रमुखता से दिखाया था. इसके बाद अफसरों की नींद टूटी और गांव में स्वास्थ विभाग के साथ ही सफाई कर्मियों की टीम भी पहुंचकर गांव में साफ सफाई कर रही है. वहीं स्वास्थ विभाग की टीम ग्रामीणों को बुलाकर उनकी जांच कर रही है. जिसके बाद मेंडारा के नवनियुक्त ग्राम प्रधान महेश्वर सरोज सोनू ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है. उनका कहना है कि ईटीवी द्वारा गांव की इस समस्या को उठाये जाने के बाद अफसरों की नींद टूटी और गांव में सैनिटाइजेशन के साथ ही साफ सफाई की जा रही है और साथ ही ग्रामीणों की कोरोना जांच हो रही है.
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स्वास्थ विभाग की टीम ने पहले दिन गांव में 80 ग्रामीणों की कोविड जांच की है. इसमें 40 जांच एन्टीजन की गई, जबकि 40 ग्रामीणों का आरटीपीसीआर जांच की गयी है. इन 80 जांचों में एन्टीजन जांच में कोई पॉजिटिव नहीं मिला है, जबकि आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट बाद में आएगी. बहरहाल गांव में स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच करने और सैनिटाइजेशन के साफ सफाई करने से ग्रामीणों के मन का भय कम हुआ है.
मौतों के बाद से गांव में छा गया है सन्नाटा
मेंडारा गांव में इतनी मौतें होने के बाद से ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं. दिन में भी इस गांव में रात आधी रात की तरह सन्नाटा दिखता है. हर कोई इस बात से सहमा हुआ है कि न जाने कब किसकी मौत हो जाए. लोगों का कहना है कि बीते महीने जितनी मौतें होते गांव वालों ने देखी है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जिस वजह से अब लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं.