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प्रयागराज में कोरोना योद्धाओं को सम्मान की जगह मिला अपमान

प्रयागराज में कोरोना संकट के दौरान अस्पतालों में मरीजों की सेवा करने के लिए रखे गए संविदा कर्मियों को कोविड-19 मरीजों की संख्या कम होने के बाद नौकरी से निकाले जाने का आरोप है. जिसे लेकर इन कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया.

कोविड अस्पताल के बाहर संविदा कर्मियों का प्रदर्शन
कोविड अस्पताल के बाहर संविदा कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Dec 25, 2020, 9:17 PM IST

प्रयागराज: कोरोना महामारी शुरू होते ही पूरे जिले में अस्पताल के साथ वार्डो को भी बढ़ाया गया था. साथ ही कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संविदा कर्मियों को नौकरी पर रखा था. लेकिन, अब कोरोना के मरीजों की संख्या घटते ही इन संविदा कर्मियों को नौकरी से निकाले का आरोप है. आरोप है कि, जिले में कोरोना मरीजों की संख्या घटने के बाद 5 महीने संविदा पर नियुक्त किए गए 50 कर्मचारियों को धीरे-धीरे नौकरी से हटाया जा रहा है. जिसके विरोध में नौकरी से निकाले गए संविदा कर्मियों ने कोविड वार्ड के बाहर प्रदर्शन किया.

कोरोना काल में मरीजों और लोगों के सहायता में लगे लोगों को वो चाहे डॉक्टर हो या सोशल वर्कर हो या फिर नर्स, वार्ड बॉय सभी को किसी न किसी माध्यम से संस्थाओं और सरकार ने सम्मानित करने का कार्य किया. लेकिन, जैसे-जैसे कोरोना के मरीजों की संख्या घटने लगी अस्पतालों में कोरोना वार्ड की संख्या भी कर दी गई. ऐसे में 5 महीने पहले संविदा पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का आरोप प्रशासन पर लग रहा है. इन संविदा कर्मियों के मुताबिक, इन्हें 5 महीने पहले संविदा के रूप में नियुक्ति पत्र आई कार्ड देकर काम पर लगा दिया गया था. जिसके बाद इन लोगों ने इस खतरनाक बीमारी से डरे बिना 5 महीने तक काम किया. इसके बाद इन्हें नौकरी से हटाने का काम किया जा रहा है. साथ ही उन्हें इन पांच महीनों का वेतन भी नहीं दिया गया.

इन कर्मचारियों कहना है कि कर्मचारियों को यह कहकर लगाया गया था कि इनको परमानेंट कर लिया जाएगा. लेकिन, प्रशासन ऐसा करने से इनकार कर रहा है और 5 महीने का इन कर्मचारियों ने पैसा न देने का आरोप लगाया है.

प्रयागराज: कोरोना महामारी शुरू होते ही पूरे जिले में अस्पताल के साथ वार्डो को भी बढ़ाया गया था. साथ ही कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संविदा कर्मियों को नौकरी पर रखा था. लेकिन, अब कोरोना के मरीजों की संख्या घटते ही इन संविदा कर्मियों को नौकरी से निकाले का आरोप है. आरोप है कि, जिले में कोरोना मरीजों की संख्या घटने के बाद 5 महीने संविदा पर नियुक्त किए गए 50 कर्मचारियों को धीरे-धीरे नौकरी से हटाया जा रहा है. जिसके विरोध में नौकरी से निकाले गए संविदा कर्मियों ने कोविड वार्ड के बाहर प्रदर्शन किया.

कोरोना काल में मरीजों और लोगों के सहायता में लगे लोगों को वो चाहे डॉक्टर हो या सोशल वर्कर हो या फिर नर्स, वार्ड बॉय सभी को किसी न किसी माध्यम से संस्थाओं और सरकार ने सम्मानित करने का कार्य किया. लेकिन, जैसे-जैसे कोरोना के मरीजों की संख्या घटने लगी अस्पतालों में कोरोना वार्ड की संख्या भी कर दी गई. ऐसे में 5 महीने पहले संविदा पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का आरोप प्रशासन पर लग रहा है. इन संविदा कर्मियों के मुताबिक, इन्हें 5 महीने पहले संविदा के रूप में नियुक्ति पत्र आई कार्ड देकर काम पर लगा दिया गया था. जिसके बाद इन लोगों ने इस खतरनाक बीमारी से डरे बिना 5 महीने तक काम किया. इसके बाद इन्हें नौकरी से हटाने का काम किया जा रहा है. साथ ही उन्हें इन पांच महीनों का वेतन भी नहीं दिया गया.

इन कर्मचारियों कहना है कि कर्मचारियों को यह कहकर लगाया गया था कि इनको परमानेंट कर लिया जाएगा. लेकिन, प्रशासन ऐसा करने से इनकार कर रहा है और 5 महीने का इन कर्मचारियों ने पैसा न देने का आरोप लगाया है.

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