प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरपीएफ (Railway Protection Force) के महानिदेशक संजय चंदर के खिलाफ दाखिल एक अवमानना याचिका पर निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा कि आरपीएफ महानिदेशक आरपीएसएफ के आरक्षियों के स्थानांतरण के मामले में हाईकोर्ट द्वारा 21 अप्रैल 2022 को पारित आदेश का अनुपालन 3 माह में सुनिश्चित करें. हाईकोर्ट ने 7 दर्जन से अधिक आरपीएसएफ के जवानों को आरपीएफ में उनके अनुरोध पर स्थानांतरित किए जाने का निर्देश दिया था, जिसका पालन महानिदेशक ने अभी तक नहीं किया है. यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने शिवप्रसाद व अन्य की याचिका पर पारित किया है.
मामले के अनुसार संजय कुमार गौतम एवं 85 अन्य आरपीएसएफ के सिपाहियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि 28 दिसंबर 2017 को जारी डायरेक्टिव नंबर 32 को निरस्त किया जाए. इस डायरेक्टिव के द्वारा आरपीएसएफ से आरपीएफ में आरक्षियों के तबादले को निरस्त कर दिया गया था.
आरक्षियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं अतिप्रिया गौतम का कहना था कि हाईकोर्ट द्वारा 21 अप्रैल 2022 को पारित आदेश का महानिदेशक ने अनुपालन नहीं किया है. अतः उन्हें कोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए दंडित किया जाए. अधिवक्ताओं का कहना था कि 21 अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट ने डायरेक्टिव नंबर 32 को रद्द कर दिया है तथा आरक्षियों की याचिका को मंजूर कर निर्देश दिया गया है कि आरपीएसएफ के आरक्षियों को आरपीएफ में उनकी मांग पर स्थानांतरण किया जाए.कहा गया है कि पूर्व में जारी स्टैंडिंग ऑर्डर 102 एवं स्टैंडिंग ऑर्डर 32 में यह प्रावधान है कि आरपीएसएफ से आरपीएफ में स्वयं के अनुरोध पर स्थानांतरण किया जा सकता है. बशर्ते आरपीएसएफ में कार्यरत आरक्षियों की प्रशिक्षण की अवधि को जोड़ते हुए 5 वर्ष की सेवाएं उनके द्वारा पूर्ण कर ली गई हो.
महानिदेशक के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका में कहा गया है कि विपक्षी द्वारा जानबूझकर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है. हाईकोर्ट ने महानिदेशक को एक मौका देते हुए 3 माह में आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है तथा कहा है कि आदेश पारित कर याचीगण को सूचित किया जाए.