प्रयागराज : संगम नगरी में चल रहे माघ मेले में कांग्रेस सेवा दल के शिविर में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में एक पुस्तिका जारी की गई. 'खेती का खून' शीर्षक से जारी की गई इस पुस्तिका में किसानों पर तीन काले कानून थोपने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सेवादल के कार्यकर्ताओं को बौद्धिक रूप से ऐसी ट्रेनिंग दी जाएगी कि जिससे वो आने वाले दिनों में वीएचपी के कार्यकर्ताओं को रणनीतिक रूप से टक्कर दे सकें.
इस शिविर में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एआईसीसी मेम्बर पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने पुस्तिका का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने जहां कृषि कानूनों की निंदा की, वहीं कांग्रेस पार्टी के हाशिये पर जाने के पीछे सेवादल और कार्यकर्ताओं की अनदेखी को वजह बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के संगठन को कमजोर न किया गया होता तो आज झूठ न जीतता. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी और संगठन के कमजोर होने के पीछे अपनों को ही दोषी बताया है.
कृषि कानून के विरोध में पुस्तक का विमोचन
दरअसल नए कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस पार्टी केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में कांग्रेस सेवा दल के शिविर में एक पुस्तिका जारी की गयी है. 'खेती का खून' नाम से जारी की गई इस किताब के जरिए देश में लागू हुए नए कृषि कानूनों को किसानों का दमन करने वाला बताया गया है. 18 पन्नों वाली इस किताब के जरिये यह बताने की कोशिश की गयी है कि मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया कृषि कानून किसान को पूंजीपतियों के हाथों में गिरवी रखने वाला है. साथ ही किताब में यह भी बताया गया है कि नए कानूनों से किसानों का किसी तरह का फायदा नहीं होगा. पुस्तिका में सरकार की कई दूसरी नीतियों और योजनाओं पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.
बौद्धिक जंग का एलान
वहीं कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद पांडेय ने वीएचपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आरएसएस प्रचार-प्रसार करती है, उसी तरह से अब सेवा दल के लोग भी उनका जवाब देंगे.जिसके लिए माघ मेला में लगे सेवा दल के शिविर में कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके बाद वो अपने इलाकों में जाकर कांग्रेस की उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही बीजेपी की नाकामियों को भी बताने का काम करेंगे.
किसानों के हित की लड़ाई लड़ रही है कांग्रेस
इसके साथ ही इस किताब के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा किसानों के हित में काम करती रही है. जबकि नए कृषि कानून किसान विरोधी और उनका हक छीनने वाले हैं. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन में उनका साथ दे रही है और इन कानूनों के खिलाफ सड़क से लेकर संसद लड़ाई लड़ रही है.