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कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर बोला हमला

पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन के मामले पर बहस से बचने के लिए शीतकालीन सत्र को टाल रही है. उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर भी निशाना साधा है.

केंद्र और प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
केंद्र और प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
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Published : Dec 21, 2020, 7:41 PM IST

प्रयागराज: कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कोरोना के चलते संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाए जाने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर कोरोना के नाम पर किसान आंदोलन के मुद्दे पर संसद में बहस से बचने का भी आरोप लगाया है. वहीं, हाथरस कांड में सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के मामले में उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए. उनका आरोप है कि प्रदेश सरकार ने साक्ष्य छिपाने के साथ ही आरोपियों को बचाने का भी प्रयास किया था. जिसके लिए सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ भी एक चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए.

केंद्र और प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर लगाया आरोपकांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि कृषि कानून और किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने से सरकार बच रही है. उनका आरोप है कि संसद में किसान मुद्दे पर चर्चा न हो इसलिए सरकार ने कोरोना का हवाला देकर संसद का शीतकालीन सत्र ना बुलाने का फैसला किया है. सरकार लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों के सवालों का जवाब नहीं दे सकती है. इसी वजह से सरकार ने शीतकालीन सत्र को टालने का फैसला किया. उनका यह भी आरोप है की कोरोना काल के बावजूद बीजेपी के बड़े नेता बंगाल में रैली और सभाएं कर रहे हैं. तो देश की सबसे सुरक्षित जगह संसद में सांसदों को बुलाकर चर्चा करने में क्या दिक्कत है. सरकार की मंशा संसद सत्र बुलाने की नहीं थी इसी वजह से कोरोना वायरस का हवाला देकर सत्र को टाल दिया गया है.कृषि कानून के मुद्दे पर भी सरकार पर बोला हमलाप्रमोद तिवारी ने कहा कि अगर कोई राज्य केंद्र सरकार के इस फैसले को अपने प्रदेश के किसान हितों के चलते लागू नहीं करता तो केंद्र सरकार जबरन उसे यह नियम लागू करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ होना बाकी है. तब तक हर राज्य स्वतंत्र है कि उन्हें इस काले कानून को लागू करना है या नही. उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े-बड़े पूंजीपतियों के खजाने को भरने के लिए सरकार ने कृषि कानून में बदलाव किया है. जबकि सरकार को उद्योगपतियों की जगह देश के गरीबों और किसानों के हित की चिंता करनी चाहिए.'सरकार के खिलाफ दाखिल हो चार्जशीट'कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हाथरस मामले में सीबीआई ने जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. उसके साथ ही सीबीआई को प्रदेश सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए. क्योंकि सरकार और उसके अफसरों ने न सिर्फ आरोपियों को बचाने का प्रयास किया था, बल्कि साक्ष्यों को मिटाने का भी काम सरकार और उसके अफसरों ने ही किया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने पीड़ित पक्ष का उत्पीड़न भी किया है. इसलिए इस पूरे मामले में सीबीआई को आरोपियों के अलावा प्रदेश सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ भी एक चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए. जिन्होंने इस मामले में न सिर्फ आरोपियों को बचाने का काम किया बल्कि सबूतों को भी मिटाने का भी काम किया है.

प्रयागराज: कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कोरोना के चलते संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाए जाने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर कोरोना के नाम पर किसान आंदोलन के मुद्दे पर संसद में बहस से बचने का भी आरोप लगाया है. वहीं, हाथरस कांड में सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के मामले में उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए. उनका आरोप है कि प्रदेश सरकार ने साक्ष्य छिपाने के साथ ही आरोपियों को बचाने का भी प्रयास किया था. जिसके लिए सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ भी एक चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए.

केंद्र और प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर लगाया आरोपकांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि कृषि कानून और किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने से सरकार बच रही है. उनका आरोप है कि संसद में किसान मुद्दे पर चर्चा न हो इसलिए सरकार ने कोरोना का हवाला देकर संसद का शीतकालीन सत्र ना बुलाने का फैसला किया है. सरकार लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों के सवालों का जवाब नहीं दे सकती है. इसी वजह से सरकार ने शीतकालीन सत्र को टालने का फैसला किया. उनका यह भी आरोप है की कोरोना काल के बावजूद बीजेपी के बड़े नेता बंगाल में रैली और सभाएं कर रहे हैं. तो देश की सबसे सुरक्षित जगह संसद में सांसदों को बुलाकर चर्चा करने में क्या दिक्कत है. सरकार की मंशा संसद सत्र बुलाने की नहीं थी इसी वजह से कोरोना वायरस का हवाला देकर सत्र को टाल दिया गया है.कृषि कानून के मुद्दे पर भी सरकार पर बोला हमलाप्रमोद तिवारी ने कहा कि अगर कोई राज्य केंद्र सरकार के इस फैसले को अपने प्रदेश के किसान हितों के चलते लागू नहीं करता तो केंद्र सरकार जबरन उसे यह नियम लागू करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ होना बाकी है. तब तक हर राज्य स्वतंत्र है कि उन्हें इस काले कानून को लागू करना है या नही. उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े-बड़े पूंजीपतियों के खजाने को भरने के लिए सरकार ने कृषि कानून में बदलाव किया है. जबकि सरकार को उद्योगपतियों की जगह देश के गरीबों और किसानों के हित की चिंता करनी चाहिए.'सरकार के खिलाफ दाखिल हो चार्जशीट'कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हाथरस मामले में सीबीआई ने जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. उसके साथ ही सीबीआई को प्रदेश सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए. क्योंकि सरकार और उसके अफसरों ने न सिर्फ आरोपियों को बचाने का प्रयास किया था, बल्कि साक्ष्यों को मिटाने का भी काम सरकार और उसके अफसरों ने ही किया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने पीड़ित पक्ष का उत्पीड़न भी किया है. इसलिए इस पूरे मामले में सीबीआई को आरोपियों के अलावा प्रदेश सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ भी एक चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए. जिन्होंने इस मामले में न सिर्फ आरोपियों को बचाने का काम किया बल्कि सबूतों को भी मिटाने का भी काम किया है.
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