प्रयागराज: मंडलायुक्त आर. रमेश कुमार और जोन आईजी केपी सिंह ने शहर के विभिन्न आश्रय स्थलों में ठहराए गए लोगों का हाल जाना. दोनों शीर्ष अधिकारियों ने केपी कॉलेज ग्राउंड, राम विला गेस्ट हाउस, संध्या गेस्ट हाउस सहित कई आश्रय गृहों का निरीक्षण किया. वहीं लोगों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करते हुए सभी व्यवस्थाओं की जानकारी ली. मंडलायुक्त ने प्राप्त शिकायतों के तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी प्रयागराज भानु चंद्र गोस्वामी भी उपस्थित रहे.
मण्डलायुक्त ने कहा कि सभी आश्रय स्थलों पर तैनात प्रभारी अधिकारी और पुलिस अधिकारी प्रतिदिन शाम को एक बैठक करके उस दिन आयी समस्याओं के बारे में विचार करें. उसके साथ ही निस्तारण को सम्मिलित करते हुए अगले दिन की कार्य योजना बनाएं और उसके अनुसार ही क्रियान्वयन सुनिश्चित करें.
मास्क और आवश्यक सामग्री हो मुहैया
मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी लोगों को नियमानुसार उपलब्ध कराए जा रहे नाश्ता, भोजन और अन्य सुविधाओं के अतिरिक्त भोजन या किसी अन्य चीज की आवश्यकता होती है तो संबंधित अधिकारी उसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराएं. आश्रय स्थलों में ठहराए गए लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. आश्रय स्थलों की साफ-सफाई, शौचालयों की साफ-सफाई, शौचालयों में पानी की उपलब्धता, सैनिटाइजर, मास्क और आवश्यक सामान निश्चित रूप से मुहैया कराया जाए.
लोगों से व्यक्तिगत रूप से ली जानकारी
संपूर्ण निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक ने व्यक्तिगत रूप से की गई बातचीत में अधिकतर लोगों ने भोजन, पीने का पानी, साफ सफाई मूलभूत सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया. इसके साथ ही आश्रय स्थल में ठहरे लोगों ने बताया कि भोजन पर्याप्त मात्रा में रहता है और सबका पेट भर जाता है. खान-पान में कोई समस्या नहीं है. मण्डलायुक्त के दूसरे आश्रय स्थल पर पूछने पर लोगों ने बताया कि वहां पर लोगों को कोई दिक्त नहीं है. बिलासपुर की महिला ने बताया की यहां रहने, खाने और साफ-सफाई कि कोई दिक्कत नहीं है.
आवश्यक वस्तुओं की न हो कमी
पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह ने अधिकारियों से कहा कि अगर कहीं पर लोगों को साबुन, मास्क, बिस्किट जैसी चीजों की आवश्यकता होने पर अपने स्तर से समन्वय बनाते हुए जरूरत की चीजें उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही लोगों में धैर्य और विश्वास का संचार करें. शीर्ष अधिकारियों से पूछने पर लोगों ने बताया कि अधिकतर लोग बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के रहने वाले हैं.
कुछ लोगों ने अपने-अपने घरों को जाने की इच्छा व्यक्त की जिस पर मंडलायुक्त ने इच्छुक लोगों को नियमानुसार उनके घरों को भेजे जाने की व्यवस्था शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए. मण्डलायुक्त ने आश्रय स्थलों में ठहरे हुए लोगों की संख्या उनके निवास स्थान की जानकारी ली और जिलाधिकारी से कहा कि आवश्यकता के अनुसार समय पर लोगों की काउंसलिंग भी कराएं, जिससे लोगों में धैर्य और उत्साह बना रहे.