प्रयागराज: महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है, लेकिन इस बार प्रशासन ने लोगों से घर पर ही रहकर पूजन-अर्चन करने की अपील की है. साथ ही यमुना घाटों पर भी साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं. इस बार कोविड-19 को देखते हुए मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने वालों को ही घाटों पर पूजन-अर्चन की अनुमति दी जाएगी.
2 दिन पहले ही बनती है वेदी
प्रयागराज में महापर्व छठ को लेकर काफी उत्साह है. चार दिवसीय पर्व का आज गुरुवार को दूसरा दिन है. व्रत के दूसरे दिन को खरना के नाम से भी जाना जाता है. छठ का त्योहार 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर मनाया जाता है. खरना से ही व्रत करने वालों का निर्जला व्रत शुरू होता है. बेटों की मंगल कामना के लिए माताओं की ओर से रखे जाने वाले सूर्य उपासना के पर्व डाला छठ व्रत के लिए दिवाली के बाद से ही इंतजार शुरू हो जाता है. घाटों के किनारे लोग अपने परिवारों के लिए वेदी 2 दिन पहले ही बना लेते हैं, जिससे उनको मुख्य त्योहार वाले दिन दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
नहाय खाय के साथ शुरू पर्व
छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा सूर्य षष्ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुकी है. उत्तर भारत और खास तौर से बिहार, यूपी, झारखंड में इस त्योहार का खास महत्व है.
कोविड-19 ने पर्व में लाया बदलाव
इस पर्व पर श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके मद्देनजर कमिश्नर आईजी डीएम एसएसपी ने संगम बलुआघाट गऊघाट जैसे घाटों का जायजा लिया. घाटों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जल पुलिस नगर निगम विकास प्राधिकरण को निर्देश भी दिए. साथ ही उन्होंने साफ-सफाई के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और कोविड-19 को देखते हुए मास्क का प्रयोग अनिवार्य करने के आदेश दिए हैं. इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए घाटों की वेदी घाटों के नजदीक में न बनाकर एक-दूसरे के बाद बनाया गया है.
कोरोना प्रोटोकॉल के साथ मनेगी छठ - covid-19
यूपी के प्रयागराज में गुरुवार को आईजी और कमिश्नर समेत कई अधिकारियों ने संगम क्षेत्र का जायजा लिया. अधिकारियों ने लोगों से छठ पूजा के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करने की अपील की. साथ ही आला अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए.
प्रयागराज: महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है, लेकिन इस बार प्रशासन ने लोगों से घर पर ही रहकर पूजन-अर्चन करने की अपील की है. साथ ही यमुना घाटों पर भी साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं. इस बार कोविड-19 को देखते हुए मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने वालों को ही घाटों पर पूजन-अर्चन की अनुमति दी जाएगी.
2 दिन पहले ही बनती है वेदी
प्रयागराज में महापर्व छठ को लेकर काफी उत्साह है. चार दिवसीय पर्व का आज गुरुवार को दूसरा दिन है. व्रत के दूसरे दिन को खरना के नाम से भी जाना जाता है. छठ का त्योहार 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर मनाया जाता है. खरना से ही व्रत करने वालों का निर्जला व्रत शुरू होता है. बेटों की मंगल कामना के लिए माताओं की ओर से रखे जाने वाले सूर्य उपासना के पर्व डाला छठ व्रत के लिए दिवाली के बाद से ही इंतजार शुरू हो जाता है. घाटों के किनारे लोग अपने परिवारों के लिए वेदी 2 दिन पहले ही बना लेते हैं, जिससे उनको मुख्य त्योहार वाले दिन दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
नहाय खाय के साथ शुरू पर्व
छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा सूर्य षष्ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुकी है. उत्तर भारत और खास तौर से बिहार, यूपी, झारखंड में इस त्योहार का खास महत्व है.
कोविड-19 ने पर्व में लाया बदलाव
इस पर्व पर श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके मद्देनजर कमिश्नर आईजी डीएम एसएसपी ने संगम बलुआघाट गऊघाट जैसे घाटों का जायजा लिया. घाटों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जल पुलिस नगर निगम विकास प्राधिकरण को निर्देश भी दिए. साथ ही उन्होंने साफ-सफाई के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और कोविड-19 को देखते हुए मास्क का प्रयोग अनिवार्य करने के आदेश दिए हैं. इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए घाटों की वेदी घाटों के नजदीक में न बनाकर एक-दूसरे के बाद बनाया गया है.