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सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित महिलाओं को केवल महिला कॉलेज आवंटित करने को चुनौती - डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद पर चयन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों को उच्च मेरिट के बावजूद केवल महिला कॉलेज आवंटित किए जाने के खिलाफ याचिका पर उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jan 18, 2021, 10:38 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों को उच्च मेरिट के बावजूद केवल महिला कॉलेज आवंटित किए जाने के खिलाफ याचिका पर उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि इस दौरान याचीगण द्वारा दी गई वरीयता के कॉलेजों में किसी और की नियुक्ति की जाती है, तो वह इस याचिका पर होने वाले निर्णय पर निर्भर करेगी. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने पूजा दुबे और अन्य की याचिका पर दिया है.


याचीगण असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के विज्ञापन संख्या 42 के तहत शिक्षा विषय में चयनित हैं. रेग्युलेशन 2014 के तहत परिणाम मेरिट के अनुसार घो‌षित किया जाना चाहिए. इसके अनुसार मेरिट में ऊपर रहने वाली महिला अभ्यर्थी सामान्य कॉलेज और महिला कॉलेज दोनों की वरीयता दे सकती हैं. आयोग ने याचियों को सिर्फ महिला कॉलेजों के लिए सीमित कर दिया है, जबकि अन्य विषयों में ऐसा नहीं किया गया और अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार नियुक्ति दी गई. आयोग ने अपने ही दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है.


राज्य सरकार और आयोग से जवाब तलब

कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय मानते हुए आयोग से जवाब मांगा है. याचीगण द्वारा ‌दी गई वरीयता के कॉलेजों में की गई नियुक्तियों को याचिका के निर्णय पर निर्भर किया है. याचिका की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों को उच्च मेरिट के बावजूद केवल महिला कॉलेज आवंटित किए जाने के खिलाफ याचिका पर उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि इस दौरान याचीगण द्वारा दी गई वरीयता के कॉलेजों में किसी और की नियुक्ति की जाती है, तो वह इस याचिका पर होने वाले निर्णय पर निर्भर करेगी. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने पूजा दुबे और अन्य की याचिका पर दिया है.


याचीगण असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के विज्ञापन संख्या 42 के तहत शिक्षा विषय में चयनित हैं. रेग्युलेशन 2014 के तहत परिणाम मेरिट के अनुसार घो‌षित किया जाना चाहिए. इसके अनुसार मेरिट में ऊपर रहने वाली महिला अभ्यर्थी सामान्य कॉलेज और महिला कॉलेज दोनों की वरीयता दे सकती हैं. आयोग ने याचियों को सिर्फ महिला कॉलेजों के लिए सीमित कर दिया है, जबकि अन्य विषयों में ऐसा नहीं किया गया और अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार नियुक्ति दी गई. आयोग ने अपने ही दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है.


राज्य सरकार और आयोग से जवाब तलब

कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय मानते हुए आयोग से जवाब मांगा है. याचीगण द्वारा ‌दी गई वरीयता के कॉलेजों में की गई नियुक्तियों को याचिका के निर्णय पर निर्भर किया है. याचिका की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

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