लखनऊ: फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का लोन लेकर तीन बैंकों को चूना लगाने वाले अभियुक्तों को सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों का हाउस लोन और सीसीएच लिमिट प्राप्त करने के मामले में गिरफ्तार किए गए अभियुक्त वैभव गुप्ता, ऊषा गुप्ता और गौरव सागर 16 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे. इन अभियुक्तों को मंगलवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद इन्हें अदालत में पेश किया गया था. बता दें कि ये अभियुक्त 10 साल से फरार थे.
बता दें कि मामला साल 2002 से 2004 के दौरान का है. इस दौरान 13 दिसंबर, 2007 को सीबीआई ने करोड़ों का हाउस लोन और सीसीएच लिमिट प्राप्त करने के मामले में मामला दर्ज किया था और जांच शुरु की थी. इस मामले में इन तीनों के खिलाफ 30 अप्रैल 2007 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था.
इन अभियुक्तों पर केनरा बैंक की हजरतगंज शाखा, यूनियन बैंक की सचिवालय शाखा और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की नक्खास शाखा के अधिकारियों से मिलीभगत कर तीन करोड़ से अधिक का हाउस लोन और सीसीएच लिमिट प्राप्त करने का आरोप है. अदालत से इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया था. यह तीनों अभियुकित 10 साल से फरार चल रहे थे.
इस मामले में बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. अभियुक्तों पर फर्जी फर्मों के दस्तावेज लगाकर लोन प्राप्त करने का आरोप है. यही नहीं बिना कोई निर्माण कराए अभियुक्तों ने करोड़ों रुपये हाउसिंग लोन के नाम पर भी प्राप्त कर लिए थे. जांच के दौरान बैंकों के एजीएम स्तर के अधिकारियों की भी भूमिका भी इस मामले में पाई गई थी. जिसके बाद सीबीआई ने बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया था.