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मां ने अस्पताल में दान की एक्सरे मशीन, अमेरिका में हुई थी बेटे की मौत - Cardiologist Mukul Chandra mother

प्रयागराज जिले में एक मां ने अपने बेटे की याद में अस्पताल में एक्सरे मशीन दान की है. गौरतलब है कि उसके बेटे की कोरोना की पहली लहर में अमेरिका में मौत हो गई थी. मां का कहना है कि असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद करना है कि उसके बेटे का सपना था.

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मां शकुंतला
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Published : Dec 31, 2022, 8:52 AM IST

Updated : Dec 31, 2022, 2:01 PM IST

प्रयागराजः टैगोर टाउन की रहने वाली मां शकुंतला ने अपने बेटे की याद में अस्पताल को एक्सरे मशीन दान कर दी. खास बात यह है कि उनका बेटा अमेरिका में डॉक्टर था, जो करोना मरीजों का इलाज करते-करते खुद संक्रमित हो गया. कोरोना की पहली लहर में बेटे मुकुल की अमेरिका में मौत हो गई. जब मां को बेटे की याद आई, तो उन्होंने मरीजों के इलाज में काम आने वाली एक्सरे मशीन दान कर दी.

बता दें कि टैगोर टाउन में रहने वाले शकुंतला चंद्रा का बेटा लगभग 10 वर्ष पहले अमेरिका गया था. वह वहीं पर कार्डियोलॉजी का स्पेशलिस्ट था. कोरोना की पहली लहर में मरीजों का इलाज करते-करते वह खुद संक्रमित हो गया और 7 महीने तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा. अंत में 19 अक्टूबर 2020 को मौत हो गई.

यादों में हमेशा जिंदा रखना चाहती है मां
शकुंतला देवी अपने बेटे की यादों को हमेशा जिंदा रखना चाहती हैं. इसलिए उन्होंने छावनी स्थित सामान्य अस्पताल को 8 लाख की कीमत की एक्सरे मशीन दान में दी है, ताकि मरीजों का इलाज निशुल्क और सही समय पर हो सके. लोग भले ही भूल गए हों, लेकिन एक मां अभी भी बेटे की याद में तड़प रही है.

बेटा भी करता था लोगों की हमेशा मदद
मां शकुंतला का कहना है कि बेटा मुकुल हमेशा जरूरतमंदों और असहयोग की मदद करने में आगे रहता था. वह कई वर्षों से अमेरिका में जरूर रहता था, लेकिन अक्सर भारत आया करता था. 2019 में भी वह भारत आया था और घर में सभी के साथ कई दिन बिताए थे. बहन पूनम चंद्रा भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं.

बहन प्रोफेसर पूनम चंद्रा ने बताया कि 'जब आखरी बार यहां आए थे, तो हम लोगों ने एक साथ कई दिन बिताए थे, लेकिन मरीजों को जीवनदान देने वाला भाई अब इस दुनिया में नहीं है. परिवार ने आखिरी सांस तक मुकुल को बचाने के लिए हर प्रयास किया, लेकिन डॉ. मुकुल की जान नहीं बच सकी. आज भी मां अपने बेटे की यादों को जिंदा रखना चाहती है'.

पढ़ेंः स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय को मिला प्रदेश में प्रथम स्थान

प्रयागराजः टैगोर टाउन की रहने वाली मां शकुंतला ने अपने बेटे की याद में अस्पताल को एक्सरे मशीन दान कर दी. खास बात यह है कि उनका बेटा अमेरिका में डॉक्टर था, जो करोना मरीजों का इलाज करते-करते खुद संक्रमित हो गया. कोरोना की पहली लहर में बेटे मुकुल की अमेरिका में मौत हो गई. जब मां को बेटे की याद आई, तो उन्होंने मरीजों के इलाज में काम आने वाली एक्सरे मशीन दान कर दी.

बता दें कि टैगोर टाउन में रहने वाले शकुंतला चंद्रा का बेटा लगभग 10 वर्ष पहले अमेरिका गया था. वह वहीं पर कार्डियोलॉजी का स्पेशलिस्ट था. कोरोना की पहली लहर में मरीजों का इलाज करते-करते वह खुद संक्रमित हो गया और 7 महीने तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा. अंत में 19 अक्टूबर 2020 को मौत हो गई.

यादों में हमेशा जिंदा रखना चाहती है मां
शकुंतला देवी अपने बेटे की यादों को हमेशा जिंदा रखना चाहती हैं. इसलिए उन्होंने छावनी स्थित सामान्य अस्पताल को 8 लाख की कीमत की एक्सरे मशीन दान में दी है, ताकि मरीजों का इलाज निशुल्क और सही समय पर हो सके. लोग भले ही भूल गए हों, लेकिन एक मां अभी भी बेटे की याद में तड़प रही है.

बेटा भी करता था लोगों की हमेशा मदद
मां शकुंतला का कहना है कि बेटा मुकुल हमेशा जरूरतमंदों और असहयोग की मदद करने में आगे रहता था. वह कई वर्षों से अमेरिका में जरूर रहता था, लेकिन अक्सर भारत आया करता था. 2019 में भी वह भारत आया था और घर में सभी के साथ कई दिन बिताए थे. बहन पूनम चंद्रा भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं.

बहन प्रोफेसर पूनम चंद्रा ने बताया कि 'जब आखरी बार यहां आए थे, तो हम लोगों ने एक साथ कई दिन बिताए थे, लेकिन मरीजों को जीवनदान देने वाला भाई अब इस दुनिया में नहीं है. परिवार ने आखिरी सांस तक मुकुल को बचाने के लिए हर प्रयास किया, लेकिन डॉ. मुकुल की जान नहीं बच सकी. आज भी मां अपने बेटे की यादों को जिंदा रखना चाहती है'.

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Last Updated : Dec 31, 2022, 2:01 PM IST
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