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प्रयागराजः मंसूर अली पार्क में जारी है सीएए के खिलाफ आंदोलन

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में तकरीबन पिछले दो महीने से आंदोलन जारी है. फिलहाल पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन को लेकर मुकदमा भी दर्ज कर लिया है फिरभी प्रदर्शनकारियों का आंदोलन जारी है.

मंसूर अली पार्क में जारी है सीएए के खिलाफ आंदोलन
सीएए के खिलाफ आंदोलन जारी
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Published : Mar 12, 2020, 9:03 PM IST

प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मंसूर अली पार्क में तकरीबन पिछले दो महीने से धरने पर बैठी मुस्लिम महिलाओं पर अब प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस द्वारा धारा 144 को उल्लंघन बताकर मामले में 16 लोगों को नामजद किये जाने और सैकड़ों अन्य लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज किए जाने के बावजूद आंदोलन जारी है. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा पार्क खाली किये जाने की नोटिस मिलने के बाद भी CAA कानून के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन जारी है.

सीएए के खिलाफ आंदोलन जारी
वकीलों का मिल रहा है समर्थनसीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल महिलाओं और पुरुषों ने अपने वकीलों को साथ लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. इसके बाद प्रदर्शन को जारी रखने की घोषणा की. इस धरने पर बैठी महिलाओं ने साफ कहा कि वह गिरफ्तारी देने और जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन CAA वापस होने तक न तो अपना आंदोलन खत्म करेंगी और न ही धरने से हटेंगी.

पढ़ें- लखनऊ: पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी ने प्रदेश मुख्यालय पर बुलाई बैठक

आंदोलनकारी महिलाओं का कहना है कि पुलिस विभिन्न धाराओं का गलत तरीके से प्रयोग करके संविधान द्वारा दिये गए मौलिक अधिकारों का सीधे सीधे हनन कर रही है . धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोग प्रशासन से सिर्फ और सिर्फ एक ही सवाल कर रहे है कि उन्होंने कब और कहां शांतिभंग किया है.

नहीं रुकेगा आंदोलन
आंदोलनकारी सारा अहमद का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए इस काले कानून को जबतक सरकार वापस नहीं लेगी, तबतक यह प्रदर्शन चलता रहेगा. चाहे जितने मुकदमा दर्ज हो, चाहे नोटिस भेजी जाए, लेकिन यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. जिला प्रशासन द्वारा शांतिभंग करने का मुकदमा दर्ज किया जाता है. हम यह जानना चाहते हैं आंदोलकारियों ने कब शांतिभंग किया है.

प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मंसूर अली पार्क में तकरीबन पिछले दो महीने से धरने पर बैठी मुस्लिम महिलाओं पर अब प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस द्वारा धारा 144 को उल्लंघन बताकर मामले में 16 लोगों को नामजद किये जाने और सैकड़ों अन्य लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज किए जाने के बावजूद आंदोलन जारी है. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा पार्क खाली किये जाने की नोटिस मिलने के बाद भी CAA कानून के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन जारी है.

सीएए के खिलाफ आंदोलन जारी
वकीलों का मिल रहा है समर्थनसीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल महिलाओं और पुरुषों ने अपने वकीलों को साथ लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. इसके बाद प्रदर्शन को जारी रखने की घोषणा की. इस धरने पर बैठी महिलाओं ने साफ कहा कि वह गिरफ्तारी देने और जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन CAA वापस होने तक न तो अपना आंदोलन खत्म करेंगी और न ही धरने से हटेंगी.

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आंदोलनकारी महिलाओं का कहना है कि पुलिस विभिन्न धाराओं का गलत तरीके से प्रयोग करके संविधान द्वारा दिये गए मौलिक अधिकारों का सीधे सीधे हनन कर रही है . धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोग प्रशासन से सिर्फ और सिर्फ एक ही सवाल कर रहे है कि उन्होंने कब और कहां शांतिभंग किया है.

नहीं रुकेगा आंदोलन
आंदोलनकारी सारा अहमद का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए इस काले कानून को जबतक सरकार वापस नहीं लेगी, तबतक यह प्रदर्शन चलता रहेगा. चाहे जितने मुकदमा दर्ज हो, चाहे नोटिस भेजी जाए, लेकिन यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. जिला प्रशासन द्वारा शांतिभंग करने का मुकदमा दर्ज किया जाता है. हम यह जानना चाहते हैं आंदोलकारियों ने कब शांतिभंग किया है.

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