प्रयागराज : प्रयागराज की 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा और सहयोगी दलों को जहां आठ सीटों पर जीत मिली है. वहीं, समाजवादी पार्टी को भी जिले की चार सीटों पर जीत हासिल हुई है. पिछले चुनाव के मुकाबले सपा को इस बार तीन सीटों का फायदा मिला है. जबकि, भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी दलों को एक सीट का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान बहुजन समाज पार्टी को उठाना पड़ा और पिछले चुनाव में उसे जहां दो सीटें मिली थीं इस बार बसपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी है. कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवार तो सीधी लड़ाई में भी किसी सीट पर नहीं रहे हैं. जिले की तीनों शहरी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है. ग्रामीण क्षेत्र की नौ सीटों में से चार पर सपा को जीत मिली है तो वहीं भाजपा को पांच सीटों पर जीत मिली है.
प्रयागराज की किस सीट पर किसको किससे मिली जीत
शहर उत्तरी सीट पर भाजपा के हर्ष वर्धन बाजपेयी को 96 हजार 890 वोट पाकर एक बारफिर से विधायक चुन लिये गये हैं. जबकि, समाजवादी पार्टी के संदीप यादव 42 हजार 7 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे हैं. वहीं, चार बार विधायक बनने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले अनुग्रह नारायण सिंह को इस सीट पर इस बार जनता ने तीसरे स्थान पर भेज दिया. उत्तराखंड के प्रभारी रहे अनुग्रह नारायण सिंह को 23 हजार 571 वोट ही मिल सके. अनुग्रह नारायण अभी तक जितने भी चुनाव लड़े थे, सभी में उन्हें पहले या दूसरे स्थान पर रहने का मौका मिला था. इस बार कांग्रेस के इस दिग्गज नेता को शहर उत्तरी की जनता तीसरे पायदान पर भेज दिया. जबकि बसपा के उम्मीदवार संजय गोस्वामी को 9 हजार 614 वोट से ही संतोष करना पड़ा.
शहर दक्षिणी सीट से कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सपा प्रत्याशी को शिकस्त देते हुये दूसरी बार लगातार जीत हासिल की. इस सीट से भाजपा उम्मीदवार को 97 हजार 487 वोट मिले औऱ दूसरे नंबर पर रहे सपा प्रत्याशी रईस चंद्र शुक्ला को 71 हजार 70 वोट ही मिले. जबकि, कांग्रेस की महिला प्रत्याशी अल्पना निषाद को सिर्फ 2 हजार 91 वोट मिले और बसपा प्रत्याशी देवेन्द्र मिश्रा नगरहा को 4 हजार 141 वोट ही मिल सके.
शहर पश्चिमी विधान सभा सीट सूबे के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के तेज तर्रार महिला नेता ऋचा सिंह को दूसरी बार शिकस्त दी है. सिद्धार्थ नाथ सिंह को जहां 1 लाख 17 हजार 717 वोट मिले हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार ऋचा सिंह को 88 हजार 181 वोट मिले. जबकि, बसपा के प्रत्याशी को 7 हजार 478 वोट मिले और कांग्रेस के उम्मीदवार तस्लीमउद्दीन को सिर्फ 2 हजार 259 वोट ही मिल सके.
कोरांव से भाजपा के राजमणि कोल भाजपा जीते. उन्हें 84 हजार 418 वोट मिले हैं, जबकि सपा के रामदेव निडर को 59 हजार 697 वोट के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पडा. 26 हजार 307 वोट बसपा के राजबली जैसल को मिले और कांग्रेस के राम कृपाल को 21 हजार 450 वोट ही मिल सके.
करछना विधानसभा सीट को जिले में समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है. इस सीट से सपा के उज्जवल रमण सिंह को भाजपा निषाद पार्टी के साझा उम्मीदवार पीयूष रंजन निषाद ने हराया है. पीयूष रंजन निषाद को जहां 89 हजार 337 वोट मिले हैं. वहीं, सपा से विधायक रहे उज्जवल रमण सिंह को 79 हजार 753 वोट ही मिल सके. इसी तरह से बसपा उम्मीदवार अरविंद कुमार शुक्ला को 21 हजार 878 वोट मिले और कांग्रेस प्रत्याशी रिंकी पटेल को महज 4 हजार 330 मत ही हासिल हुए.
बारा विधानसभा सीट से भाजपा अपना दल एस के साझा उम्मीदवार वाचस्पति को जीत मिली है. वाचस्पति को 89 हजार 3 वोट मिले. वहीं, सपा के अजय मुन्ना को 76 हजार 210 वोट मिले. दूसरी तरफ बसपा के डॉ अजय कुमार को 22 हजार 656 वोट हासिल हुये तो कांग्रेस को प्रत्याशी मंजू संत को 3 हजार 431 वोट से ही संतोष करना पड़ा.
मेजा विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी संदीप सिंह ने भाजपा की नीलम करवरिया को हराया है. पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे संदीप सिंह को 78 हजार 164 वोट मिले. बीजेपी की महिला विधायक नीलम करवरिया को 74 हजार 869 वोट ही हासिल हो सके. इस सीट से बसपा के प्रत्याशी सर्वेश चंद्र तिवारी को 22 हजार 839 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस की महिला प्रत्याशी शालिनी द्विवेदी को सिर्फ 1 हजार 547 वोट ही मिल सके.
फूलपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार प्रवीण पटेल को 1 लाख 3 हजार 14 वोट पाकर विधायक चुने गये हैं. जबकि, सपा के प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी 1 लाख 825 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर कुल 34 राउंड में वोटों की गिनती हुयी औऱ अंतिम राउंड तक इस सीट पर कौन जीतेगा ये कह पाना मुश्किल था. क्योंकि इस सीट पर लगातार सपा और भाजपा के प्रत्याशी एक दूसरे से आगे पीछे हो रहे थे. वहीं, इस सीट पर बसपा के राम तौलन यादव को 33 हजार 36 वोट मिले और कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धनाथ मौर्या को सिर्फ 1 हजार 626 वोट ही मिल सके थे.
हंडिया विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने विधायक हाकिम लाल बिंद को ही उम्मीदवार बनाया था. हाकिम लाल बिंद सपा सुप्रीमों के फैसले पर खरे भी उतरे. उन्होंने भाजपा अपना दल एस के गठबंधन वाले उम्मीदवार प्रशांत सिंह शिकस्त दी है. बीजेपी प्रत्याशी को जहां 80 हजार 26 वोट मिले. वहीं, सपा प्रत्याशी हाकिम लाल बिंद ने 83 हजार 348 वोट हासिल कर भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार को मात दिया. वहीं, इस सीट पर बसपा के उम्मीदवार को नरेन्द्र कुमार उर्फ मुन्ना त्रिपाठी को 33 हजार 672 वोट मिले तो कांग्रेस प्रत्याशी को सिर्फ 1 हजार 428 वोट ही मिल सके. जबकि, इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी से तीन गुना ज्यादा वोट आप उम्मीदवार पवन तिवारी को मिले.
प्रतापपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है. इस सीट से सपा प्रत्याशी विजमा यादव को 91 हजार 142 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा अपना दल एस के प्रत्याशी राकेश धर त्रिपाठी को 80 हजार 186 वोट मिले और उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. वहीं, इस सीट से बसपा के उम्मीदवार घनश्याम पान्डेय को 34 हजार 912 वोट मिले. कांग्रेस ने इस सीट से इलाहाबाद युनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष संजय तिवारी को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन संजय को मात्र 2 हजार 971 वोट ही मिल सके.
सोरांव विधानसभा सीट सपा प्रत्याशी गीता पासी ने अपना दल एस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जमुना प्रसाद सरोज को मात दी है. भाजपा अपना दल के गठबंधन वाले उम्मीदवार डा जमुना प्रसाद सरोज को 84 हजार 659 वोट मिले. वहीं, समादवादी पार्टी की महिला प्रत्याशी गीता पासी ने 89 हजार 792 वोट हासिल करके जीत दर्ज की. इस सीट से बसपा उम्मीदवार 28 हजार 819 वोट औऱ कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 2 हजार 6 वोट ही मिले.
फाफामऊ विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार गुरु प्रसाद मौर्या को 90 हजार 364 वोट मिले जिससे वो विधायक चुन लिये गये. जबकि समाजवादी पार्टी के अंसार अहमद 76 हजार 272 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं, इस सीट पर बसपा प्रत्याशी ओम प्रकाश को 27 हजार 193 वोट मिले और कांग्रेस की महिला उम्मीदवार दुर्गेश पांडेय को 2 हजार 372 वोट ही मिल सके.
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