ETV Bharat / state

प्रयागराज करछना विधानसभा सीट: इस सीट पर आज तक नहीं गली भाजपा की दाल - up election 2022

प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट में आज तक कमल नहीं खिल पाया. इस विधानसभा सीट को वर्तमान में राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह का गढ़ कहा जाता है. रेवती रमण सिंह यहां से 8 बार विधायक और 2 बार प्रयागराज लोकसभा से सांसद रहे हैं. मौजूदा समय में उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह यहां सपा से विधायक हैं.

करछना विधानसभा सीट
करछना विधानसभा सीट
author img

By

Published : Sep 7, 2021, 2:21 PM IST

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव हैं. चुनावी किला भेदने के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. सभी पार्टियां सड़क पर उतर चुकी हैं और तमाम बैठकों, सम्मेलनों और अभियानों के जरिए अपने वोटर्स को साधने में लगी हैं. सपा एक ओर जहां साइकिल दौड़ाकर सत्ता में वापसी का मार्ग ढूंढ़ रही है तो वहीं बसपा ब्राह्मण सम्मेलन कर उन्हें लुभाने का काम कर रही है. सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी भी अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौरे और मीटिंग्स कर रणनीति बना रही है. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. जिसे बरकरार रखने का भरसक प्रयास वह कर रही है, लेकिन कई सीटें ऐसी हैं जहां अभी बीजेपी का खाता तक नहीं खुल सका. उनमें से एक है प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट.

प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट पर अभी तक भारतीय जनता पार्टी की दाल नहीं गली है. तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी करछना विधानसभा में जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. भाजपा 2022 में इस सीट को जीतने के लिए अभी से तैयारी में जुट गयी है. जबकि सपा के राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह का दावा है कि करछना की जनता से उनका दशकों पुराना नाता है और जनता उन्हें इस बार भी विजयी बनाएगी. अब रेवती रमण सिंह के दावे में कितना दम है यह तो वक्त ही बताएगा. आईए इस सीट पर डालते हैं एक नजर.

करछना विधानसभा सीट
बीजेपी लहर में भी पैठ जमाए रखने में रहे थे कामयाब2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो पूरे प्रदेश में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चल रही थी. प्रयागराज की 12 विधानसभा सीटों में से 9 सीटों पर बीजेपी ने कमल खिलाया था, लेकिन इस लहर में भी प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट पर रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह पर जनता ने लगातार दूसरी बार विश्वास जताया और वह सपा टिकट पर दूसरी बार इस सीट से विधायक बने.

2017 के विधानसभा चुनाव में उज्जवल रमण सिंह को 80 हजार 806 वोट मिले थे,जबकि दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पीयूष रंजन निषाद थे, जिन्हें बीजेपी के नाम पर 65 हजार 782 वोट मिले थे. यह पहला मौका था जब भाजपा को इस सीट पर दूसरे स्थान तक पहुंचने का मौका मिला था. क्योंकि पिछले चुनावों में इस सीट पर सपा और बसपा प्रत्याशी के बीच ही कांटे की टक्कर रहती थी. हालांकि 2017 में दूसरे स्थान तक पहुंचने से भाजपा नेताओं में उम्मीद जगी है, जिसे आंकड़ों में भुनाने की पूरी कोशिश भाजपा करेगी.

बहरहाल करछना सीट पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं होगा, लेकिन सपा के इस गढ़ में सेंधमारी कर पाना इतना आसान भी नहीं होगा. एक तरफ जहां इस सीट पर उज्जवल रमण अपने पिता की तरह जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहेंगे तो वहीं 2017 के परिणाम से उम्मीद जगाई बैठी भाजपा आगामी चुनाव में इतिहास रचने की कोशिश करेगी.

उज्जवल रमण के सामने जीत बरकरार रखने की चुनौती

प्रयागराज में ही जन्मे उज्जवल रमण सिंह ने वकालत की पढ़ाई के बाद राजनीति में सक्रिय हो गए. राजनीति इन्हें विरासत में मिली है. पिता के नक्शे कदम पर चलकर इन्होंने जनता के बीच अपनी अच्छी खासी पकड़ बनाई है. सरल स्वभाव के चलते इलाके में इनकी अच्छी पैठ है. यही वजह है कि 2017 विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी इनके किले को भाजपा भेद नहीं पाई थी. ऐसे में अब आगामी 2022 के चुनाव में सत्ता बरकरार रखने की चुनौती है. मतदाताओं की बात करें तो यहां करीब 3 लाख 28 हजार कुल मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख 82 हजार से ज्यादा पुरुष मतदाता हैं, जबकि 1 लाख 46 हजार से अधिक महिला मतदाता हैं.

करछना विधानसभा सीट पर कब किसको मिली जीत

चुनावजीतपार्टी
1957कमल कुमार गोइंडीINC
1962सत्य नारायण पांडेयPSP
1967एस दीन IND
1969राम किशोर शुक्ला INC
1974रेवती रमण सिंह NCO
1977रेवती रमण सिंहJNP
1980कृष्ण प्रकाश तिवारीकांग्रेस
1982रेवती रमण सिंह IND
1985रेवती रमण सिंह JNP
1989रेवती रमण सिंह JD
1991 रेवती रमण सिंह JD
1993नंद लाल सिंह पटेलBSP
1996रेवती रमण सिंहSP
2002रेवती रमण सिंह SP
2004उज्जवल रमण सिंहSP
2007आनंद कुमार कलेक्टर पांडेय BSP
2012दीपक पटेल BSP
2017उज्जवल रमण सिंहSP

भाजपा को रेवती रमण सिंह ने दी चुनौती
करछना विधानसभा से आठ बार विधायक रहे और दो बार इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए रेवती रमण सिंह का साफ कहना है कि करछना विधानसभा उनका घर है. भाजपा को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता चाहे जितना सर पटक लें उन्हें इस सीट पर जीत नहीं मिलेगी. जिस तरह से वो जनता की सेवा करते रहे हैं उसी तरह से उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह भी करछना की जनता की सेवा कर रहे हैं और उन्हें भी जनता का प्यार मिल रहा है.

यूपी से बीजेपी की होगी विदाई
वर्तमान में राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह का दावा है कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुकी है. कोरोना की लहर से जनता मर रही थी और सारे मंत्री व नेता जनता को भूल गए थे. ऐसे नेताओं को जनता 2022 में सबक सिखाने का काम करेगी. महंगाई से गरीबों का जीना मुश्किल हो गया है. इस सरकार के कथनी और करनी के अंतर की वजह से हर तरफ अव्यवस्था फैल चुकी है. हर मोर्चे पर फेल इस सरकार की प्रदेश में दोबारा सरकार नहीं बनेगी, बल्कि प्रदेश से 2022 में भाजपा की विदाई होने वाली है.

रेवती रमण सिंह सपा के करीबी माने जाते हैं. उनका कहना है कि करछना में उसी तरह का विकास कार्य हुआ है जैसा मुलायम सिंह यादव ने सैफई का विकास किया है. 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार होने की वजह से उनके क्षेत्र के कई विकास कार्यों को रोक दिया गया है, लेकिन उनके विधायक बेटे उज्जवल रमण सिंह ने इलाके में फ्लाईओवर के निर्माण के साथ ही सड़कों का जाल बिछवाया है. बिजली पानी के साथ ही गांवों में पक्की सड़क का निर्माण कार्य लगातार किया जा रहा है.

भाजपा नेता विभव नाथ भारती का दावा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार के साथ ही यूपी सरकार के पांच सालों में किए गए विकास कार्यों की वजह से जनता भाजपा को चुनेगी. भाजपा के कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों को सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को बताएंगे. 2022 के विधानसभा चुनाव में देश और प्रदेश में किए गए विकास कार्यों के बदले करछना ही नहीं पूरे प्रयागराज में भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिलेगी.

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव हैं. चुनावी किला भेदने के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. सभी पार्टियां सड़क पर उतर चुकी हैं और तमाम बैठकों, सम्मेलनों और अभियानों के जरिए अपने वोटर्स को साधने में लगी हैं. सपा एक ओर जहां साइकिल दौड़ाकर सत्ता में वापसी का मार्ग ढूंढ़ रही है तो वहीं बसपा ब्राह्मण सम्मेलन कर उन्हें लुभाने का काम कर रही है. सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी भी अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौरे और मीटिंग्स कर रणनीति बना रही है. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. जिसे बरकरार रखने का भरसक प्रयास वह कर रही है, लेकिन कई सीटें ऐसी हैं जहां अभी बीजेपी का खाता तक नहीं खुल सका. उनमें से एक है प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट.

प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट पर अभी तक भारतीय जनता पार्टी की दाल नहीं गली है. तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी करछना विधानसभा में जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. भाजपा 2022 में इस सीट को जीतने के लिए अभी से तैयारी में जुट गयी है. जबकि सपा के राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह का दावा है कि करछना की जनता से उनका दशकों पुराना नाता है और जनता उन्हें इस बार भी विजयी बनाएगी. अब रेवती रमण सिंह के दावे में कितना दम है यह तो वक्त ही बताएगा. आईए इस सीट पर डालते हैं एक नजर.

करछना विधानसभा सीट
बीजेपी लहर में भी पैठ जमाए रखने में रहे थे कामयाब2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो पूरे प्रदेश में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चल रही थी. प्रयागराज की 12 विधानसभा सीटों में से 9 सीटों पर बीजेपी ने कमल खिलाया था, लेकिन इस लहर में भी प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट पर रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह पर जनता ने लगातार दूसरी बार विश्वास जताया और वह सपा टिकट पर दूसरी बार इस सीट से विधायक बने.

2017 के विधानसभा चुनाव में उज्जवल रमण सिंह को 80 हजार 806 वोट मिले थे,जबकि दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पीयूष रंजन निषाद थे, जिन्हें बीजेपी के नाम पर 65 हजार 782 वोट मिले थे. यह पहला मौका था जब भाजपा को इस सीट पर दूसरे स्थान तक पहुंचने का मौका मिला था. क्योंकि पिछले चुनावों में इस सीट पर सपा और बसपा प्रत्याशी के बीच ही कांटे की टक्कर रहती थी. हालांकि 2017 में दूसरे स्थान तक पहुंचने से भाजपा नेताओं में उम्मीद जगी है, जिसे आंकड़ों में भुनाने की पूरी कोशिश भाजपा करेगी.

बहरहाल करछना सीट पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं होगा, लेकिन सपा के इस गढ़ में सेंधमारी कर पाना इतना आसान भी नहीं होगा. एक तरफ जहां इस सीट पर उज्जवल रमण अपने पिता की तरह जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहेंगे तो वहीं 2017 के परिणाम से उम्मीद जगाई बैठी भाजपा आगामी चुनाव में इतिहास रचने की कोशिश करेगी.

उज्जवल रमण के सामने जीत बरकरार रखने की चुनौती

प्रयागराज में ही जन्मे उज्जवल रमण सिंह ने वकालत की पढ़ाई के बाद राजनीति में सक्रिय हो गए. राजनीति इन्हें विरासत में मिली है. पिता के नक्शे कदम पर चलकर इन्होंने जनता के बीच अपनी अच्छी खासी पकड़ बनाई है. सरल स्वभाव के चलते इलाके में इनकी अच्छी पैठ है. यही वजह है कि 2017 विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी इनके किले को भाजपा भेद नहीं पाई थी. ऐसे में अब आगामी 2022 के चुनाव में सत्ता बरकरार रखने की चुनौती है. मतदाताओं की बात करें तो यहां करीब 3 लाख 28 हजार कुल मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख 82 हजार से ज्यादा पुरुष मतदाता हैं, जबकि 1 लाख 46 हजार से अधिक महिला मतदाता हैं.

करछना विधानसभा सीट पर कब किसको मिली जीत

चुनावजीतपार्टी
1957कमल कुमार गोइंडीINC
1962सत्य नारायण पांडेयPSP
1967एस दीन IND
1969राम किशोर शुक्ला INC
1974रेवती रमण सिंह NCO
1977रेवती रमण सिंहJNP
1980कृष्ण प्रकाश तिवारीकांग्रेस
1982रेवती रमण सिंह IND
1985रेवती रमण सिंह JNP
1989रेवती रमण सिंह JD
1991 रेवती रमण सिंह JD
1993नंद लाल सिंह पटेलBSP
1996रेवती रमण सिंहSP
2002रेवती रमण सिंह SP
2004उज्जवल रमण सिंहSP
2007आनंद कुमार कलेक्टर पांडेय BSP
2012दीपक पटेल BSP
2017उज्जवल रमण सिंहSP

भाजपा को रेवती रमण सिंह ने दी चुनौती
करछना विधानसभा से आठ बार विधायक रहे और दो बार इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए रेवती रमण सिंह का साफ कहना है कि करछना विधानसभा उनका घर है. भाजपा को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता चाहे जितना सर पटक लें उन्हें इस सीट पर जीत नहीं मिलेगी. जिस तरह से वो जनता की सेवा करते रहे हैं उसी तरह से उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह भी करछना की जनता की सेवा कर रहे हैं और उन्हें भी जनता का प्यार मिल रहा है.

यूपी से बीजेपी की होगी विदाई
वर्तमान में राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह का दावा है कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुकी है. कोरोना की लहर से जनता मर रही थी और सारे मंत्री व नेता जनता को भूल गए थे. ऐसे नेताओं को जनता 2022 में सबक सिखाने का काम करेगी. महंगाई से गरीबों का जीना मुश्किल हो गया है. इस सरकार के कथनी और करनी के अंतर की वजह से हर तरफ अव्यवस्था फैल चुकी है. हर मोर्चे पर फेल इस सरकार की प्रदेश में दोबारा सरकार नहीं बनेगी, बल्कि प्रदेश से 2022 में भाजपा की विदाई होने वाली है.

रेवती रमण सिंह सपा के करीबी माने जाते हैं. उनका कहना है कि करछना में उसी तरह का विकास कार्य हुआ है जैसा मुलायम सिंह यादव ने सैफई का विकास किया है. 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार होने की वजह से उनके क्षेत्र के कई विकास कार्यों को रोक दिया गया है, लेकिन उनके विधायक बेटे उज्जवल रमण सिंह ने इलाके में फ्लाईओवर के निर्माण के साथ ही सड़कों का जाल बिछवाया है. बिजली पानी के साथ ही गांवों में पक्की सड़क का निर्माण कार्य लगातार किया जा रहा है.

भाजपा नेता विभव नाथ भारती का दावा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार के साथ ही यूपी सरकार के पांच सालों में किए गए विकास कार्यों की वजह से जनता भाजपा को चुनेगी. भाजपा के कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों को सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को बताएंगे. 2022 के विधानसभा चुनाव में देश और प्रदेश में किए गए विकास कार्यों के बदले करछना ही नहीं पूरे प्रयागराज में भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिलेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.