प्रयागराजः भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले हिस्सेदारी मोर्चा के संयोजक ने एलान किया है कि कई और छोटे दल उनके मोर्चे में शामिल होने वाले हैं. यही नहीं हिस्सेदारी मोर्चा के संयोजक और भारतीय मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामधनी बिंद ने कहा कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पर भाजपा को भरोसा नहीं है, इसलिए हिस्सेदारी मोर्चा के साथ गठबंधन किया है. गठबंधन में शामिल छोटे दलों को सीट और अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की आजादी भी दी है.
हिस्सेदारी मोर्चा में शामिल होंगे और क्षेत्रीय दल. मीडिया से बातचीत करते हुए रामधनी बिंद ने कहा कि भाजपा ही गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है. गरीबों और शोषित वंचितों की लड़ाई में भाजपा उनका साथ देगी. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की 8 छोटी राजनीतिक पार्टियां हिस्सेदारी मोर्चा में शामिल होकर भाजपा के साथ 2022 का चुनाव लड़ने जा रही हैं. रामधनी बिंद का दावा है कि छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन की वजह से भाजपा को यूपी की 365 से अधीक सीटों पर जीत मिलेगी.भारतीय मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामधनी बिंद का दावा है कि भाजपा को निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पर पूरा भरोसा नहीं है.इसी वजह से उनके विकल्प के रूप में भाजपा ने उनसे गठबंधन किया है. संजय निषाद पर निशाना साधते हुए कहा कि वो विधान सभा चुनाव तक भाजपा के साथ रहेंगे भी कि नहीं. अभी इस बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि पूरा निषाद समाज संजय निषाद के साथ नहीं है और उसी कमी को पूरा करने के लिए भाजपा ने उन्हें भी अपने साथ गठबंधन में शामिल किया है.
पत्रकारों से बात करते हुए रामधनी बिंद के साथ ही प्रगतिशील समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुशवाहा ने दावा किया कि कई और क्षेत्रीय पार्टियां उनके संपर्क में है. दिसम्बर तक दूसरे राजनीतिक दल भी उनके साथ इस हिस्सेदारी मोर्चा में शामिल होने वाले हैं. हालांकि दोनों ही नेताओं ने ये नहीं बताया कि कौन से दूसरे क्षेत्रीय दल उनके संपर्क में हैं.
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उल्लेखनीय है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले हिस्सेदारी मोर्चा में भारतीय मानव समाज पार्टी, प्रगतिशील समाज पार्टी, शोषित समाज पार्टी, गरीब पार्टी, मानव हित पार्टी, भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी, पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी,भारतीय समता समाज पार्टी शामिल हैं. ये सभी राजनीतिक दल पूर्वांचल में खास तौर कार्य करते हैं. इनमें से सभी दल अलग-अलग जातियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं. यही वजह है कि भाजपा ने इन छोटे दलों के हिस्सेदारी मोर्चा के साथ भी चुनावी गठबंधन कर लिया है.
हालांकि बीजेपी ने अभी तक इनके साथ यह भी तय नहीं किया है कि उन्हें कितनी सीटें दी जाएंगी. जबकि इन दलों के नेताओं को उम्मीद है कि उन्हें पार्टी के प्रभाव के आधार पर उचित सीटें मिलेंगी. वैसे ये दल एक-एक सीट पाकर भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं.