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अच्छे-अच्छों को दी मात, सहारा बना 'भइया जी का दाल-भात' - प्रयागराज समाचार

संगम नगरी कही जाने वाली यूपी के प्रयागराज जिले में भूखे लोगों के लिए 'भइया जी का दाल भात' चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल 'भइया जी का दाल भात' जिले में जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन प्रसाद उपलब्ध करा रहा है.

जरूरतमंदों का सहारा बन रहा 'भईया जी का दाल भात'
जरूरतमंदों का सहारा बन रहा 'भईया जी का दाल भात'
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Published : Oct 24, 2020, 5:44 PM IST

प्रयागराज: संगमनगरी में कोई भी जरूरतमंद भूखा न रह जाए, इसको लेकर भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ अन्न क्षेत्र 'भईया जी का दाल भात' के जरिए जरूरतमंदों की भूख मिटाई जा रही है. इसके जरिए सैकड़ों लोगों को भोजन प्रसाद का वितरण किया जा रहा है. साथ ही तमाम गरीबों, मजदूरों के लिए ये रोज का एक सहारा भी बन गया है. रोज भोजन प्रसाद वितरण सुबह से शाम 8 बजे तक चलता है.

भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ साल के हर एक दिन जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध 'भईया जी का दाल भात' के इस सामाजिक कार्यक्रम में अब जनसहयोग भी बढ़ने लगा है. शहर से लेकर दूर दराज से आने वाले लोग जन्मदिन, पुण्यतिथि सहित अनेक कार्यक्रमों में सहभागिता निभा कर जरूरतमंदों की खुशी में खुद की खुशी तलाश रहे हैं.

संगम तट पर चल रहे 'भईया जी का दाल भात' की रसोई में पकने वाले भोजन प्रसाद को बनाने से लेकर वितरण तक की सारी व्यवस्था को हाइजेनिक रखा गया है. भोजन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा पालन किया जा रहा है. 'भईया जी का दाल भात' से जुड़े कार्यकर्ता पूरे भाव के साथ मानवता की सेवा में अपने आपको समर्पित करके भूख मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं.

घरों और आश्रय स्थल तक सीमित रह गए गरीब, मजदूर और संगम के आसपास रहने वाले भी नियमित भोजन प्रसाद पाकर काफी खुश है. उनका का कहना है कि 'भईया जी का दाल भात' के जरिये उन्हें दो वक्त का भोजन ऐसे समय पर मिल जा रहा है, जब उनकों जरूरत है.

प्रयागराज: संगमनगरी में कोई भी जरूरतमंद भूखा न रह जाए, इसको लेकर भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ अन्न क्षेत्र 'भईया जी का दाल भात' के जरिए जरूरतमंदों की भूख मिटाई जा रही है. इसके जरिए सैकड़ों लोगों को भोजन प्रसाद का वितरण किया जा रहा है. साथ ही तमाम गरीबों, मजदूरों के लिए ये रोज का एक सहारा भी बन गया है. रोज भोजन प्रसाद वितरण सुबह से शाम 8 बजे तक चलता है.

भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ साल के हर एक दिन जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध 'भईया जी का दाल भात' के इस सामाजिक कार्यक्रम में अब जनसहयोग भी बढ़ने लगा है. शहर से लेकर दूर दराज से आने वाले लोग जन्मदिन, पुण्यतिथि सहित अनेक कार्यक्रमों में सहभागिता निभा कर जरूरतमंदों की खुशी में खुद की खुशी तलाश रहे हैं.

संगम तट पर चल रहे 'भईया जी का दाल भात' की रसोई में पकने वाले भोजन प्रसाद को बनाने से लेकर वितरण तक की सारी व्यवस्था को हाइजेनिक रखा गया है. भोजन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा पालन किया जा रहा है. 'भईया जी का दाल भात' से जुड़े कार्यकर्ता पूरे भाव के साथ मानवता की सेवा में अपने आपको समर्पित करके भूख मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं.

घरों और आश्रय स्थल तक सीमित रह गए गरीब, मजदूर और संगम के आसपास रहने वाले भी नियमित भोजन प्रसाद पाकर काफी खुश है. उनका का कहना है कि 'भईया जी का दाल भात' के जरिये उन्हें दो वक्त का भोजन ऐसे समय पर मिल जा रहा है, जब उनकों जरूरत है.

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