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प्रयागराज: पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद में बना है बाल भवन, बच्चों को दी जाती है ट्रेनिंग

आज यानि 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था. पंडित नेहरू की याद में प्रयागराज में आनंद भवन के अंदर बाल भवन का निर्माण किया गया. यहां बच्चों को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है.

बाल भवन इलाहाबाद.
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Published : Nov 15, 2019, 8:02 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 9:26 AM IST

प्रयागराज: पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में पूरा देश बड़े ही धूमधाम से मना रहा है. चाचा नेहरू को बच्चों से खासा लगाव रहा है. इसलिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. चाचा नेहरू का प्रयागराज से खासा लगाव रहा है.

बाल भवन की इंचार्ज से ईटीवी भारत के संवाददाता ने की खास बातचीत.

पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद में आनंद भवन के अंदर बाल भवन का निर्माण किया गया है. यहां बच्चों को नेहरू के आदर्शों के साथ ही अलग-अलग विधा की ट्रेनिंग दी जाती है. बाल भवन की इंचार्ज स्मिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे. इसलिए उनकी याद में बाल भवन का निर्माण किया गया है.

बाल भवन के रूप में जीवित हैं चाचा नेहरू
जवाहरलाल बाल भवन की इंचार्ज स्मिता ने बताया कि बाल भवन के रूप में आज भी चाचा नेहरू बच्चों के बीच जीवित नजर आते हैं. भवन में आने वाले सभी बच्चों को चाचा नेहरू के आदर्शों और उनके नियमों से रूबरू कराया जाता है.

इसके साथ ही पांच साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों को अलग-अलग विधा की ट्रेनिंग दी जाती है. कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर नृत्य, तबला वादन, पेंटिंग जैसे तमाम तरह की क्लास चलाई जाती है. इस बाल भवन में मात्र 80 रुपये के रजिस्ट्रेशन शुल्क में पूरे साल निःशुल्क क्लासेज दी जाती है.

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद संग्रहालय में आज भी जीवित नजर आते हैं पंडित नेहरू...

नेहरू से जुड़ी पुस्तकों से रूबरू होते हैं बच्चे
बाल भवन में बनाई गई लाइब्रेरी में नेहरू से जुड़े विचारों की पुस्तकें बच्चों को दिखाई जाती हैं. इन पुस्तकों के माध्यम से बच्चे उनके बारे में रूबरू होते हैं. नेहरू का पुस्तक बच्चे पढ़ते हैं तो यह उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत के रूप में काम करती है.

प्रयागराज: पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में पूरा देश बड़े ही धूमधाम से मना रहा है. चाचा नेहरू को बच्चों से खासा लगाव रहा है. इसलिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. चाचा नेहरू का प्रयागराज से खासा लगाव रहा है.

बाल भवन की इंचार्ज से ईटीवी भारत के संवाददाता ने की खास बातचीत.

पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद में आनंद भवन के अंदर बाल भवन का निर्माण किया गया है. यहां बच्चों को नेहरू के आदर्शों के साथ ही अलग-अलग विधा की ट्रेनिंग दी जाती है. बाल भवन की इंचार्ज स्मिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे. इसलिए उनकी याद में बाल भवन का निर्माण किया गया है.

बाल भवन के रूप में जीवित हैं चाचा नेहरू
जवाहरलाल बाल भवन की इंचार्ज स्मिता ने बताया कि बाल भवन के रूप में आज भी चाचा नेहरू बच्चों के बीच जीवित नजर आते हैं. भवन में आने वाले सभी बच्चों को चाचा नेहरू के आदर्शों और उनके नियमों से रूबरू कराया जाता है.

इसके साथ ही पांच साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों को अलग-अलग विधा की ट्रेनिंग दी जाती है. कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर नृत्य, तबला वादन, पेंटिंग जैसे तमाम तरह की क्लास चलाई जाती है. इस बाल भवन में मात्र 80 रुपये के रजिस्ट्रेशन शुल्क में पूरे साल निःशुल्क क्लासेज दी जाती है.

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद संग्रहालय में आज भी जीवित नजर आते हैं पंडित नेहरू...

नेहरू से जुड़ी पुस्तकों से रूबरू होते हैं बच्चे
बाल भवन में बनाई गई लाइब्रेरी में नेहरू से जुड़े विचारों की पुस्तकें बच्चों को दिखाई जाती हैं. इन पुस्तकों के माध्यम से बच्चे उनके बारे में रूबरू होते हैं. नेहरू का पुस्तक बच्चे पढ़ते हैं तो यह उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत के रूप में काम करती है.

Intro:प्रयागराज: पंडित जवाहरलाल नेहरू के याद में बना है बाल भवन, बच्चों की दी जाती है शिक्षा और दीक्षा

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प्रयागराज: पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में पूरा देश बड़े ही धूमधाम से मना रहा है. चाचा नेहरु को बच्चों से खासा लगाव रहा हूं इसलिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. चाचा नेहरू का इलाहाबाद से खासा लगाव रहा है. पंडित जवाहरलाल नेहरू के याद में आनंद भवन के अंदर बाल भवन का निर्माण किया गया है. यहां बच्चों को नेहरू के आदर्शों के साथ ही अलग-अलग विधा की ट्रेनिंग दी जाती है. बाल भवन की इंचार्ज स्मिता ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि नेहरू जी बच्चे से बहुत प्यार करते थे इसलिए उनकी याद में बाल भवन का निर्माण किया गया है.


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बाल भवन के रूप में जीवित है चाचा नेहरू

जवाहरलाल बाल भवन की इंचार्ज स्मिता ने कहा कि बाल भवन के रूप में आज भी चाचा नेहरू बच्चों के बीच जीवित नजर आते हैं. भवन में आने वाले सभी बच्चों को चाचा नेहरू के आदर्शों और उनके नियमों से रूबरू कराया जाता है. इसके साथ ही पांच साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों को अलग-अलग विधा की ट्रेनिंग दी जाती है. कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर, नृत्य, तबला वादन, पेंटिंग जैसे तमान तरह क्लास चलाई जाती है. इस बाल भवन में मात्र 80 रुपए के रजिस्ट्रेशन शुल्क में पूरे साल निःशुल्क क्लासेज दी जाती है.


Conclusion:नेहरू के विचारों से जुड़ी पुस्तकों से रूबरू होते हैं बच्चे

बाल भवन में बनाई गई लाइब्रेरी में नेहरू जी से जुड़े विचारों की पुस्तकें आज बच्चों को दिखाई जाती है. इन पुस्तकों के माध्यम से बच्चे उनके बारे में रूबरू होते हैं. नेहरू जी के पुस्तक बच्चे पढ़ते हैं तो उनके लिए प्रेरणा श्रोत के रूप में काम करती है.


बातचीत- स्मिता, नेहरू बाल भवन इंचार्ज, प्रयागराज
Last Updated : Nov 15, 2019, 9:26 AM IST
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