प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल, झारखंड के साइबर अपराध के आरोपियों चंद्रभान सिंह यादव, मोहन कुमार मंडल व तौसीफ जमां की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
याची ने साइबर ठगी करने के अपराध को स्वीकार भी किया है. तीनों ने मिलकर शिकायत कर्ता घनश्यामजी के बैंक खाते से 17 लाख रूपये कई दौर में निकाल लिए. कोर्ट ने अपराध को गंभीरता से लिया है, इनकी निशानदेही पर दर्जनों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कइयों की गिरफ्तारी के लिए छापे डालने के लिए उस राज्य की पुलिस की सहायता मांगी गई है.
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने चंद्रभान सिंह यादव व दो अन्य की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है. शिकायतकर्ता केंद्रीय आयुध भंडार छिवकी नैनी का सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं. उसने 19 अक्टूबर 20 को एफआईआर दर्ज कराई और आरोप लगाया कि एयरटेल रिचार्ज करने के लिए यूनो एप का इस्तेमाल किया. पैसे कट गये और फोन रिचार्ज नहीं हुआ. बैंक प्रबंधक से शिकायत की तो उसने एयरटेल कंपनी से संपर्क करने की सलाह दी. इसके बाद पैसा खाते में जमा हो गया.
फोनकर पूछा गया खाते में पैसे आये तो ओटोपी दें. इसके बाद कई बार पैसे कटते रहे. बैंक ने कहा कि नेट बैंकिंग व यूनो लाक कराएं तब तक साइबर गिरोह ने बैंक खाते से लगभग 17 लाख निकाल लिए थे. अपराधियों ने स्वीकार किया कि कई राज्यों तक गिरोह फैला है. खाते से पैसे निकाल फर्जी खातों में जमा कर ठगी करता है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप