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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर सहित तीन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसरों के खिलाफ सोमवार को एनबीडब्ल्यू गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ है. इन पर एससी-एसटी यौन शोषण का आरोप लगा है. इस मामले में 2016 में कर्नलगंज थाने में मुकदमा लिखा गया था.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय
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Published : May 1, 2023, 2:22 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर के खिलाफ सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. मनमोहन कृष्णा, प्रोफेसर प्रहलाद कुमार और कार्यरत प्रोफेसर जावेद अख्तर के खिलाफ न्यायालय एडीजे की तरफ से एनबीडब्ल्यू गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ है. इन तीनों पर एससी-एसटी यौन शोषण का आरोप है. इस मामले में 2016 में कर्नलगंज थाने में महिला असिस्टेंट प्रोफेसर ने मुकदमा लिखवाया था. महिला प्रोफेसर का आरोप था कि इन तीनों ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अशब्द शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके तहत मुकदमा लिखवाया गया था.

महिला प्रोफेसर दीपशिखा सोनकर का आरोप था कि अनुसूचित जाति का होने के कारण शुरू से ही इनका इन प्रोफेसरों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था. इसकी शिकायत विश्वविद्यालय सहित कर्नलगंज थाने और अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग से की थी. 4 अगस्त 2016 को उनको इन तीनों प्रोफेसरों ने विभागाध्यक्ष कार्यालय में बुलाया और डांटना शुरू कर दिया. यही नहीं जाति सूचक शब्द और अशब्दों का प्रयोग करते हुए एक घंटे तक बंधक बनाए रखा. उन्होंने बताया कि उनके बार-बार कहने पर कि वे जाएं. लेकिन, उनको जाने नहीं दिया गया.

उन्होंने बताया कि किसी तरह जब वे वहां से निकलीं तो कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. तब से मामला चल रहा है. इसी मामले में सोमवार को न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. महिला प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि हमेशा मुकदमा वापस लेने के लिए बाहरी अराजक तत्वों द्वारा परेशान किया जा रहा है. इसकी शिकायत थाने में दी गई है. महिला प्रोफेसर ने कहा है कि उन्हें न्यायालय से न्याय की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: लेटर वायरल होने के बाद अतीक के बेटे अली की जेल में बढ़ी निगरानी, पुलिस ढूंढ रही कई सवालों के जवाब

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर के खिलाफ सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. मनमोहन कृष्णा, प्रोफेसर प्रहलाद कुमार और कार्यरत प्रोफेसर जावेद अख्तर के खिलाफ न्यायालय एडीजे की तरफ से एनबीडब्ल्यू गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ है. इन तीनों पर एससी-एसटी यौन शोषण का आरोप है. इस मामले में 2016 में कर्नलगंज थाने में महिला असिस्टेंट प्रोफेसर ने मुकदमा लिखवाया था. महिला प्रोफेसर का आरोप था कि इन तीनों ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अशब्द शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके तहत मुकदमा लिखवाया गया था.

महिला प्रोफेसर दीपशिखा सोनकर का आरोप था कि अनुसूचित जाति का होने के कारण शुरू से ही इनका इन प्रोफेसरों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था. इसकी शिकायत विश्वविद्यालय सहित कर्नलगंज थाने और अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग से की थी. 4 अगस्त 2016 को उनको इन तीनों प्रोफेसरों ने विभागाध्यक्ष कार्यालय में बुलाया और डांटना शुरू कर दिया. यही नहीं जाति सूचक शब्द और अशब्दों का प्रयोग करते हुए एक घंटे तक बंधक बनाए रखा. उन्होंने बताया कि उनके बार-बार कहने पर कि वे जाएं. लेकिन, उनको जाने नहीं दिया गया.

उन्होंने बताया कि किसी तरह जब वे वहां से निकलीं तो कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. तब से मामला चल रहा है. इसी मामले में सोमवार को न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. महिला प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि हमेशा मुकदमा वापस लेने के लिए बाहरी अराजक तत्वों द्वारा परेशान किया जा रहा है. इसकी शिकायत थाने में दी गई है. महिला प्रोफेसर ने कहा है कि उन्हें न्यायालय से न्याय की उम्मीद है.

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