प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर सोशल मीडिया में, सामुदायिक घृणा फैलाने वाली पोस्ट करने के आरोपी, प्रोफेसर डॉक्टर शहरयार अली को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि समर्पण कर नियमित जमानत अर्जी दाखिल करें. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिया है.
कोर्ट ने कहा कि एक प्रोफेसर, जो इतिहास विभाग का विभागाध्यक्ष हैं. उन्हें समुदायों के बीच घृणा फैलाने वाले आचरण के लिए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती. इसे अभिव्यक्ति की आजादी नहीं माना जा सकता. याची का कहना कि मीडिया एकाउंट हैक हो गया था. कोर्ट ने कहा कि यह विश्वसनीय नहीं, क्योंकि सह अभियुक्त हूमा कुरैशी ने भी पोस्ट शेयर की है. मीडिया पर एकाउंट हैक होने और माफी मांगने की पोस्ट नहीं है. एकाउंट अभी भी याची चला रहा है. कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
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अर्जी का एजीए शशि शेखर तिवारी ने विरोध किया और कहा जिला मंत्री बीजेपी ने मंत्री के खिलाफ पोस्ट को लेकर फिरोजाबाद के रामगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. एक प्रोफेसर से ऐसी पोस्ट करने की अपेक्षा नहीं की जा सकती. समुदाय के बीच घृणा फैलाने की कोशिश क्षम्य नहीं है.