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सीएए-एनआरसी विरोधी बवाल के आरोपी की जमानत मंजूर - नागरिक संशोधन अधिनियम

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर में सीएए व एनआरसी का विरोध करने के मामले में आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. कोर्ट ने उसे निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का आदेश दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 10, 2022, 10:51 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर में सीएए व एनआरसी का विरोध(CAA and NRC protest in Kanpur) करने के मामले में आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. कोर्ट ने उसे निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का आदेश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने हसीन उर्फ इशू की जमानत अर्जी पर दिया है.

20 दिसंबर 2019 को कानपुर नगर में नागरिक संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन के खिलाफ हुए हंगामे में अंधाधुंध फायरिंग में लोगों की जान चली गई थी.इसे लेकर बाबूपुरवा थाने में आईपीसी की कई धाराओं में और आर्म्स एक्ट के तहत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. 22 अगस्त 2020 से जेल में बंद याची भी इस मामले में आरोपी है. याची की ओर से कहा गया कि उसे झूंठा फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया. लेकिन, सुनवाई के बाद कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर में सीएए व एनआरसी का विरोध(CAA and NRC protest in Kanpur) करने के मामले में आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. कोर्ट ने उसे निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का आदेश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने हसीन उर्फ इशू की जमानत अर्जी पर दिया है.

20 दिसंबर 2019 को कानपुर नगर में नागरिक संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन के खिलाफ हुए हंगामे में अंधाधुंध फायरिंग में लोगों की जान चली गई थी.इसे लेकर बाबूपुरवा थाने में आईपीसी की कई धाराओं में और आर्म्स एक्ट के तहत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. 22 अगस्त 2020 से जेल में बंद याची भी इस मामले में आरोपी है. याची की ओर से कहा गया कि उसे झूंठा फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया. लेकिन, सुनवाई के बाद कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली.

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