प्रयागराज : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. विक्रम के भगवान श्री राम और श्रीकृष्ण को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर राजनीति गर्मा गई है. भाजपा के साथ ही कांग्रेस के नेता भी शिक्षक के बयान की निंदा करते हुए सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि प्रोफेसर ने जानबूझकर समाज को बांटने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला बयान दिया है. जबकि भाजपा के एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने डॉ. विक्रम को मानसिक बीमार बताते हुए इलाज करवाने की सलाह दी है.
भाजपा ने कहा- इलाज करवाएं प्रोफेसर, कांग्रेस ने बांटने वाला बयान बताया
प्रोफेसर डॉ. विक्रम के दिए गए आपत्तिजनक बयान मामले में पुलिस ने जांच के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है. भाजपा के एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने प्रोफेसर को मानसिक बीमार बताते हुए इलाज करवाने की सलाह दी है. साथ ही युनिवर्सिटी प्रशासन से भी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जबकि कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रोफेसर पर समाज को बांटने वाला बयान देने का आरोप लगाया है. साथ ही उनके खिलाफ पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन से सख्त कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
प्रोफेसर की बर्खास्तगी की मांग
डॉ. विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले विहिप के जिला संयोजक ने युनिवर्सिटी प्रशासन से प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्तगी करने की मांग की है. इसी के साथ उन्होंने पुलिस से भी आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है. विहिप नेता ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
प्रोफेसर के पोस्ट के बाद दर्ज किया गया था मामला
पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाला इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. विक्रम ने श्री राम और श्री कृष्ण को लेकर आपत्तिजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट किया है. विक्रम ने एक्स पर किए गए पोस्ट में लिखा है कि "यदि आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुज का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेजता और यदि आज कृष्ण होते तो महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस के लिए उनको भी जेल में भेजता".
इस पोस्ट के बाद विहिप के जिला संयोजक की तहरीर पर विक्रम के खिलाफ कर्नलगंज थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. डीसीपी सिटी दीपक भूकर का कहना है कि शिक्षक द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट किया गया था. जिसको लेकर मिली तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है.