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विपुल सिंह की हत्या में याची की जमानत मंजूर, हाईकोर्ट ने लगाई ये शर्त

सिद्धार्थनगर के बांसी में विपुल सिंह की हत्या मामले में याची अनमोल सिंह की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सशर्त मंजूरी दे दी है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Jan 4, 2021, 8:17 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर के बांसी थाना क्षेत्र में हत्या, षड्यंत्र और गिरोहबंद अधिनियम के आरोप में दर्ज आपराधिक मामले में याची अनमोल सिंह की जमानत सशर्त मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र और चंद्रकेश मिश्र के तर्क सुनने के बाद दिया है.

अदालत में दिए गए ये तर्क
याची अनमोल सिंह के खिलाफ कोतवाली बांसी में हत्या, षड्यंत्र और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद अनमोल को गिरफ्तार भी कर लिया गया था. याची का कहना था कि विपुल सिंह की मौत गोली लगने से हुई है. सह अभियुक्त प्रशान्त सिंह उर्फ नीरज के तमंचे की गोली लगने से विपुल की से मौत हुई है. कुल चार आरोपियों में से दो की पहले ही जमानत हो चुकी है. याची का हत्या में कोई हाथ नहीं है. उसके खिलाफ इससे पहले दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनमें से एक केस में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी है. इस पर आपत्ति कोर्ट में विचाराधीन है. दूसरे केस में उसे जमानत मिल चुकी है. केवल एक केस के आधार पर अनमोल सिंह पर गिरोहबंद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. यह विधि सम्मत नहीं है.

इस शर्त के साथ दी जमानत
कोर्ट ने अनमोल सिंह की जमानत मंजूर कर ली है और कहा है कि याची साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा. पीड़ित पर दबाव नहीं डालेगा, कोर्ट में हाजिर होगा. सुनवाई में अवरोध न उत्पन्न करने का लिखित आश्वासन देगा.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर के बांसी थाना क्षेत्र में हत्या, षड्यंत्र और गिरोहबंद अधिनियम के आरोप में दर्ज आपराधिक मामले में याची अनमोल सिंह की जमानत सशर्त मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र और चंद्रकेश मिश्र के तर्क सुनने के बाद दिया है.

अदालत में दिए गए ये तर्क
याची अनमोल सिंह के खिलाफ कोतवाली बांसी में हत्या, षड्यंत्र और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद अनमोल को गिरफ्तार भी कर लिया गया था. याची का कहना था कि विपुल सिंह की मौत गोली लगने से हुई है. सह अभियुक्त प्रशान्त सिंह उर्फ नीरज के तमंचे की गोली लगने से विपुल की से मौत हुई है. कुल चार आरोपियों में से दो की पहले ही जमानत हो चुकी है. याची का हत्या में कोई हाथ नहीं है. उसके खिलाफ इससे पहले दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनमें से एक केस में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी है. इस पर आपत्ति कोर्ट में विचाराधीन है. दूसरे केस में उसे जमानत मिल चुकी है. केवल एक केस के आधार पर अनमोल सिंह पर गिरोहबंद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. यह विधि सम्मत नहीं है.

इस शर्त के साथ दी जमानत
कोर्ट ने अनमोल सिंह की जमानत मंजूर कर ली है और कहा है कि याची साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा. पीड़ित पर दबाव नहीं डालेगा, कोर्ट में हाजिर होगा. सुनवाई में अवरोध न उत्पन्न करने का लिखित आश्वासन देगा.

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