प्रयागराज: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को सभी आपत्तियों के निस्तारण का निर्देश दिया है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कहा कि 30 मार्च 2023 को जारी अधिसूचना में दी गई समय सीमा 6 अप्रैल को शाम 6 बजे तक प्राप्त सभी आपत्तियों का सरकार निस्तारण करे. कानपुर नगर के अभिनव त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिया.
अभिनव त्रिपाठी की ओर से दाखिल याचिका में नगर निकाय चुनाव को लेकर 30 मार्च को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई. याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय का कहना था कि कानपुर नगर में मेयर की सीट पिछले चुनाव में महिला के लिए आरक्षित थी. इस बार भी इसे महिला के लिए ही आरक्षित कर दिया गया है. जबकि एक्ट की धारा 7(5 ) के अनुसार एक बार सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित होती है. अगले चुनाव में उसी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं की जा सकती है. वरिष्ठ अधिवक्ता का यह भी कहना था कि याची ने 6 अप्रैल को अपनी आपत्ति दाखिल की है. राज्य सरकार 30 मार्च को जारी अधिसूचना में दी गई समय सीमा के तहत 6 अप्रैल 2023 को शाम 6 बजे तक प्राप्त सभी आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए बाध्य है. सरकारी वकील ने भी इस दलील का विरोध नहीं किया.
इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 6 अप्रैल 2023 को शाम 6 बजे तक पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर जितनी भी आपत्तियां प्राप्त हुई हैं. सरकार उन सभी का निस्तारण करे. साथ ही मेयर की सीट दुबारा महिला के लिए आरक्षित किए जाने के मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. याची को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. कोर्ट ने इस मामले को लेकर दाखिल सभी याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए संबद्ध करने का निर्देश दिया है.
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