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राज्य CGST अधिकरण के गठन में कानून के उल्लंघन पर कोर्ट सख्त

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Published : Jan 18, 2021, 10:47 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सीजीएसटी अधिकरण के गठन को लेकर केंद्र सरकार के अपर सॉलीसिटर जनरल शशिप्रकाश सिंह से जीएसटी काउंसिल की बैठक के एजेन्डा सात में उद्धृत दस्तावेजों के साथ तीन दिन में हलफनामा मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सीजीएसटी अधिकरण के गठन को लेकर केंद्र सरकार के अपर सॉलीसिटर जनरल शशिप्रकाश सिंह से जीएसटी काउंसिल की बैठक के एजेन्डा सात में उद्धृत दस्तावेजों के साथ तीन दिन में हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह जानने की कोशिश की है कि धारा 109 में निहित अधिकारों का प्रयोग करते समय काउंसिल ने अपने विवेक के बजाय राज्य सरकार के प्रस्ताव के आधार पर कैसे निर्णय लिया है.

कोर्ट ने राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से भी धारा 109 के अंतर्गत अपनी वैधानिक स्थिति स्पष्ट करते हुए पूरक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने याची अधिवक्ता निशान्त मिश्र और अन्य याचियों को जीएसटी काउंसिल के निर्णय की चुनौती देने के लिए याचिका को संशोधित करने की अनुमति दी है. याचिका की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मेसर्स टार्क फार्मास्यूटिकल्स प्रा. लि. सहित अन्य कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है.

जीएसटी काउंसिल के निर्णय को लेकर जताई नाराजगी

अपर सॉलीसिटर जनरल के साथ केन्द्र सरकार के अधिवक्ता कृष्ण शुक्ल और कृष्णा अग्रवाल ने जीएसटी काउंसिल द्वारा लखनऊ में राज्य अधिकरण व चार एरिया पीठ गठन पर लिए गए निर्णय की कोर्ट को जानकारी दी. साथ ही हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा. इस पर कोर्ट ने कानून से प्राप्त अधिकारों का प्रयोग न कर राज्य सरकार की संस्तुति पर अधिकरण गठन की जीएसटी काउंसिल के निर्णय को लेकर नाराजगी जाहिर की.

दस्तावेजों को कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश

कोर्ट ने कहा कि बैठक में निर्णय लेते समय पेश दस्तावेजों को कोर्ट में दाखिल किया जाए. याची अधिवक्ता ने राज्य सरकार की संस्तुति पर अधिकरण की राज्य पीठ गठन के फैसले को चुनौती देने के लिए समय मांगा. याचिका की सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सीजीएसटी अधिकरण के गठन को लेकर केंद्र सरकार के अपर सॉलीसिटर जनरल शशिप्रकाश सिंह से जीएसटी काउंसिल की बैठक के एजेन्डा सात में उद्धृत दस्तावेजों के साथ तीन दिन में हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह जानने की कोशिश की है कि धारा 109 में निहित अधिकारों का प्रयोग करते समय काउंसिल ने अपने विवेक के बजाय राज्य सरकार के प्रस्ताव के आधार पर कैसे निर्णय लिया है.

कोर्ट ने राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से भी धारा 109 के अंतर्गत अपनी वैधानिक स्थिति स्पष्ट करते हुए पूरक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने याची अधिवक्ता निशान्त मिश्र और अन्य याचियों को जीएसटी काउंसिल के निर्णय की चुनौती देने के लिए याचिका को संशोधित करने की अनुमति दी है. याचिका की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मेसर्स टार्क फार्मास्यूटिकल्स प्रा. लि. सहित अन्य कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है.

जीएसटी काउंसिल के निर्णय को लेकर जताई नाराजगी

अपर सॉलीसिटर जनरल के साथ केन्द्र सरकार के अधिवक्ता कृष्ण शुक्ल और कृष्णा अग्रवाल ने जीएसटी काउंसिल द्वारा लखनऊ में राज्य अधिकरण व चार एरिया पीठ गठन पर लिए गए निर्णय की कोर्ट को जानकारी दी. साथ ही हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा. इस पर कोर्ट ने कानून से प्राप्त अधिकारों का प्रयोग न कर राज्य सरकार की संस्तुति पर अधिकरण गठन की जीएसटी काउंसिल के निर्णय को लेकर नाराजगी जाहिर की.

दस्तावेजों को कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश

कोर्ट ने कहा कि बैठक में निर्णय लेते समय पेश दस्तावेजों को कोर्ट में दाखिल किया जाए. याची अधिवक्ता ने राज्य सरकार की संस्तुति पर अधिकरण की राज्य पीठ गठन के फैसले को चुनौती देने के लिए समय मांगा. याचिका की सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

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