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इलाहाबाद हाईकोर्ट परिलाभों का भुगतान न करने पर सख्त, सिंचाई विभाग के दो अधिकारी तलब - प्रयागराज खबर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारी को परिलाभों का भुगतान न करने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने सिंचाई विभाग आजमगढ़ के अधीक्षण अभियंता और वित्त नियंत्रक को 16 अप्रैल को तलब किया है. वहीं कोर्ट में हाजिर न होने पर उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट सेवानिवृत्त परिलाभों के भुगतान पर शख्त.
इलाहाबाद हाईकोर्ट सेवानिवृत्त परिलाभों के भुगतान पर शख्त.
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Published : Mar 19, 2020, 4:09 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारी को परिलाभों का भुगतान न करने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा है कि तीन सप्ताह में समस्त सेवाजनित परिलाभों का भुगतान कर हलफनामा दाखिल किया जाय. कोर्ट ने सिंचाई विभाग आजमगढ़ के अधीक्षण अभियंता और वित्त नियंत्रक को 16 अप्रैल को तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि वे हाजिर नहीं होंगे तो उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा. याचिका की सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने सिंचाई विभाग में लिपिक रहे अमरनाथ यादव की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता संजीव कुमार शुक्ल ने बहस की. याची का कहना है कि वह बीमार हो गया था. सेवानिवृत होने के बाद उसे 10 फीसदी जीवन निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है. याचिका में अवकाश में कार्य का वेतन व समस्त सेवाजनित परिलाभों का भुगतान ब्याज सहित किया जाय.

इसे भी पढ़ें-प्रयागराज: कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, कहा- किसानों को मुआवजा दे सरकार

कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था. जवाब में माना गया है कि वित्त नियंत्रक के भुगतान के लिए सरकार को भेजे गए आदेश सही हैं. फिर भी भुगतान नहीं किया गया तो कोर्ट ने अधिकारियों को तलब किया. सरकारी वकील ने बताया कि आदेश की सूचना दी गयी थी, किन्तु कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारी को परिलाभों का भुगतान न करने पर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा है कि तीन सप्ताह में समस्त सेवाजनित परिलाभों का भुगतान कर हलफनामा दाखिल किया जाय. कोर्ट ने सिंचाई विभाग आजमगढ़ के अधीक्षण अभियंता और वित्त नियंत्रक को 16 अप्रैल को तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि वे हाजिर नहीं होंगे तो उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा. याचिका की सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने सिंचाई विभाग में लिपिक रहे अमरनाथ यादव की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता संजीव कुमार शुक्ल ने बहस की. याची का कहना है कि वह बीमार हो गया था. सेवानिवृत होने के बाद उसे 10 फीसदी जीवन निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है. याचिका में अवकाश में कार्य का वेतन व समस्त सेवाजनित परिलाभों का भुगतान ब्याज सहित किया जाय.

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कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था. जवाब में माना गया है कि वित्त नियंत्रक के भुगतान के लिए सरकार को भेजे गए आदेश सही हैं. फिर भी भुगतान नहीं किया गया तो कोर्ट ने अधिकारियों को तलब किया. सरकारी वकील ने बताया कि आदेश की सूचना दी गयी थी, किन्तु कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है.

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