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69000 सहायक अध्यापक भर्ती मामला, गलत प्रश्न का एक अंक नहीं देने पर हाईकोर्ट सख्त - Allahabad High court

69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों में गलत प्रश्न का एक अंक नहीं देने पर हाईकोर्ट नाराजगी जताई है. समय दिए जाने की मांग को नामंजूर करते हुए कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि नियत की है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Mar 25, 2023, 8:13 PM IST

प्रयागराजः 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न का एक अंक अभ्यर्थियों को देने संबंधी आदेश का अनुपालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत में मौजूद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी द्वारा और समय दिए जाने की मांग को नामंजूर करते हुए कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि नियत की है.

अश्वनी कुमार त्रिपाठी व अन्य अभ्यर्थियों की अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया. याचीगण ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी उत्तर कुंजी को चुनौती दी थी. कहा गया कि इसमें एक प्रश्न का गलत उत्तर दिया गया है. जबकि अभ्यर्थियों ने सही जवाब दिया है. कोर्ट ने अभ्यर्थियों की दलील को सही पाते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को गलत उत्तर के एवज में अभ्यर्थियों को एक अंक देने का निर्देश दिया था.

25 अगस्त 2021 और 20 दिसंबर 2021 के इन आदेशों पर अमल नहीं किए जाने पर अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने अंक देकर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं हुआ तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को अदालत में तलब किया था. सचिव ने उपस्थित होकर आदेश के अनुपालन के लिए 4 माह का समय मांगा. कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया तथा सचिव की ओर से प्रस्तुत हलफनामे पर याची गण के अधिवक्ता को 10 दिन में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.

पढ़ेंः 69000 शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट ने रोल नंबर की गलती सुधारने की दी छूट

प्रयागराजः 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न का एक अंक अभ्यर्थियों को देने संबंधी आदेश का अनुपालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत में मौजूद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी द्वारा और समय दिए जाने की मांग को नामंजूर करते हुए कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि नियत की है.

अश्वनी कुमार त्रिपाठी व अन्य अभ्यर्थियों की अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया. याचीगण ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी उत्तर कुंजी को चुनौती दी थी. कहा गया कि इसमें एक प्रश्न का गलत उत्तर दिया गया है. जबकि अभ्यर्थियों ने सही जवाब दिया है. कोर्ट ने अभ्यर्थियों की दलील को सही पाते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को गलत उत्तर के एवज में अभ्यर्थियों को एक अंक देने का निर्देश दिया था.

25 अगस्त 2021 और 20 दिसंबर 2021 के इन आदेशों पर अमल नहीं किए जाने पर अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने अंक देकर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं हुआ तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को अदालत में तलब किया था. सचिव ने उपस्थित होकर आदेश के अनुपालन के लिए 4 माह का समय मांगा. कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया तथा सचिव की ओर से प्रस्तुत हलफनामे पर याची गण के अधिवक्ता को 10 दिन में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.

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