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कॉलेज प्रबंधक व प्रधानाचार्य के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक

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Published : Mar 27, 2021, 9:07 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत दस्तावेज देकर कॉलेज की संबद्धता पाने के आरोप में दर्ज एफआईआर के तहत कॉलेज प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत दस्तावेज देकर कॉलेज की संबद्धता पाने के आरोप में दर्ज एफआईआर के तहत कॉलेज प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

इसे भी पढ़ें:- बीटेक, बीसीए और बीएससी की डिग्री ओ लेवल से बेहतर: हाईकोर्ट

यह आदेश न्यायाधीश पंकज भाटिया ने सहजानंद इंटर कॉलेज बलिया के प्रबंधक पारस नाथ राय व प्रधानाचार्य की याचिका पर दिया है. याची अधिवक्ता दिलीप कुमार पांडेय का कहना है कि कॉलेज भवन की जमीन का बैनामा तथा संबद्धता निरस्त करने के दोनों आदेशों पर स्थगनादेश है. आरोप निराधार हैं. यदि सही भी मान लें तो भी धोखाधडी का आपराधिक केस नहीं बनता. संबद्धता निरस्त की जा सकती है. याचिका में पुलिस चार्जशीट पर मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत दस्तावेज देकर कॉलेज की संबद्धता पाने के आरोप में दर्ज एफआईआर के तहत कॉलेज प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

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यह आदेश न्यायाधीश पंकज भाटिया ने सहजानंद इंटर कॉलेज बलिया के प्रबंधक पारस नाथ राय व प्रधानाचार्य की याचिका पर दिया है. याची अधिवक्ता दिलीप कुमार पांडेय का कहना है कि कॉलेज भवन की जमीन का बैनामा तथा संबद्धता निरस्त करने के दोनों आदेशों पर स्थगनादेश है. आरोप निराधार हैं. यदि सही भी मान लें तो भी धोखाधडी का आपराधिक केस नहीं बनता. संबद्धता निरस्त की जा सकती है. याचिका में पुलिस चार्जशीट पर मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है.

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