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प्रमुख सचिव आयुष को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भेजा अवमानना का नोटिस - न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव

डॉक्टर जय शंकर शुक्ल की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आयुष विभाग प्रशांत त्रिवेदी को अवमानना का नोटिस जारी किया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट .
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Published : Sep 14, 2020, 9:06 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आयुष विभाग प्रशांत त्रिवेदी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उनके विरूद्ध अवमानना केस बनता है.

कोर्ट ने प्रमुख सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने प्रशांत त्रिवेदी को आदेश का पालन कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि नोटिस का अनुपालन नहीं हुआ, तो प्रशांत त्रिवेदी कोर्ट में हाजिर हों. इस मामले में याचिका की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने डॉक्टर जय शंकर शुक्ल की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राधाकृष्ण पांडेय व मनीष पांडेय ने बहस की.

दरअसल, आयुष विभाग के मोहम्मद हारून को नियुक्ति तिथि से तदर्थ सेवा को जोड़कर सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान किया गया, लेकिन याची को नियमित होने की तिथि से परिलाभों का भुगतान किया गया. हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव को याची के प्रत्यावेदन को हारून के तर्ज पर तीन माह में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है. वहीं इस आदेश का पालन न करने के चलते यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आयुष विभाग प्रशांत त्रिवेदी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उनके विरूद्ध अवमानना केस बनता है.

कोर्ट ने प्रमुख सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने प्रशांत त्रिवेदी को आदेश का पालन कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि नोटिस का अनुपालन नहीं हुआ, तो प्रशांत त्रिवेदी कोर्ट में हाजिर हों. इस मामले में याचिका की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने डॉक्टर जय शंकर शुक्ल की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राधाकृष्ण पांडेय व मनीष पांडेय ने बहस की.

दरअसल, आयुष विभाग के मोहम्मद हारून को नियुक्ति तिथि से तदर्थ सेवा को जोड़कर सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान किया गया, लेकिन याची को नियमित होने की तिथि से परिलाभों का भुगतान किया गया. हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव को याची के प्रत्यावेदन को हारून के तर्ज पर तीन माह में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है. वहीं इस आदेश का पालन न करने के चलते यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है.

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