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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बच्चों की अनिवार्य शिक्षा पर केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बच्चों की शिक्षा को लेकर दाखिल याचिका के संबंध में केंद्र, राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके लिए कोर्ट ने छह सप्ताह का समय दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 30, 2022, 9:44 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा देने की मांग में दाखिल याचिका पर केंद्र, राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने सभी को जवाब के लिए छह सप्ताह का समय दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने ऊषा गुप्ता और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया.

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्नीकृष्णन मामले में दिए गए निर्देशों व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में प्री नर्सरी की शिक्षा भी देने की व्यवस्था करे. इसमें छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था करने की मांग की गई है.

यह भी पढ़ें: अनी बुलियन के संतोष गुप्ता की जमानत अर्जी खारिज, सैकडों करोड़ हड़पने का आरोप

याचियों का कहना है कि उनके पास नर्सरी टीचर एजुकेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट है, इसलिए उन्हें नर्सरी विद्यालय में नियुक्ति दी जाए. साथ ही विद्यालयों के सहायक अध्यापकों के समान वेतनमान दिया जाए.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा देने की मांग में दाखिल याचिका पर केंद्र, राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने सभी को जवाब के लिए छह सप्ताह का समय दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने ऊषा गुप्ता और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया.

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्नीकृष्णन मामले में दिए गए निर्देशों व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में प्री नर्सरी की शिक्षा भी देने की व्यवस्था करे. इसमें छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था करने की मांग की गई है.

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याचियों का कहना है कि उनके पास नर्सरी टीचर एजुकेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट है, इसलिए उन्हें नर्सरी विद्यालय में नियुक्ति दी जाए. साथ ही विद्यालयों के सहायक अध्यापकों के समान वेतनमान दिया जाए.

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