प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से ध्वस्तीकरण मामले में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. आदेश का पालन न करने पर उन्हें पत्रावली के साथ 17 नवंबर को हाजिर होना पड़ेगा.
यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने सुदेश कुमार सिंह की याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया को सुनकर दिया है. कोर्ट ने कहा कि जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन बार समय दिया गया, लेकिन हलफनामा दाखिल नहीं किया गया. याची का कहना है कि बुलंदशहर में सिकंदराबाद तहसील के झांझर गांव में याची का पुश्तैनी मकान है.
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिना किसी पूर्व नोटिस व कानूनी प्रक्रिया अपनाए याची के उक्त मकान की बाउंड्री वाल और गेट ध्वस्त कर दिया है. याचिका में ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई को चुनौती दी गई है.
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