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ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग: हाईकोर्ट ने गाजियाबाद DM से दो हफ्ते में मांगा व्यक्तिगत हलफनामा

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Published : May 25, 2021, 4:06 AM IST

गाजियाबाद में एडीएम सिटी द्वारा ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग और दिल्ली और हरियाणा को अवैध आपूर्ति किए जाने के आरोपों को सरकार ने सिरे से नकार दिया है. सरकार ने यह भी कहा है कि किसी अस्पताल या मरीज ने शिकायत नहीं की है. केवल विधायक ने शिकायत की है, जिसकी जांच की जा रही है.

हाईकोर्ट
हाईकोर्ट

प्रयागराज: गाजियाबाद के ऑक्सीजन सिलेंडरों की दिल्ली और हरियाणा को अवैध आपूर्ति और ब्लैक मार्केटिंग को लेकर लोनी विधायक ने एडीएम सिटी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस शिकायत की जांच रिपोर्ट के साथ जिलाधिकारी से दो हफ्ते में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जिले से प्राप्त जानकारी के आधार पर याची के आरोपों को निराधार करार दिया. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के 35 कोविड अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल ने ऑक्सीजन आपूर्ति न होने की शिकायत नहीं की है. लोनी के एकमात्र कोविड अस्पताल ने भी ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर कोई शिकायत नहीं की है. ऐसे में याची की शिकायत मनगढंत और निराधार है. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता द्वारा दी गयी जानकारी को हलफनामे के तहत दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस याचिका की अगली सुनवाई 7 जून को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने लोनी के विधायक नंद किशोर की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

लोनी के विधायक नंद किशोर ने लगाए थे आरोप

लोनी के विधायक नंद किशोर ने याचिका में एडीएम सिटी पर ब्लैक मार्केटिंग करने तथा दिल्ली और हरियाणा को अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर भेजने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय या सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. याची का कहना है कि गाजियाबाद में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड मरीजो की मौत हो गयी, और जिस अधिकारी पर जिले में ऑक्सीजन आपूर्ति की जिम्मेदारी है वह ब्लैक मार्केटिंग मे लिप्त हैं.

राज्य सरकार ने याचिका में लगाये आरोपों को नकारा

हालांकि राज्य सरकार ने याचिका में लगाये आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा कि किसी भी अस्पताल ने ऑक्सीजन कमी की शिकायत नही की है. जिलाधिकारी गाजियाबाद ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल को मामले की जांच सौपी गयी है. इस जांच की रिपोर्ट अभी आनी है. इसपर कोर्ट के कहा कि जो भी बातें सरकार की तरफ से बतायी गयी हैं, जिलाधिकारी हलफनामे के जरिए कोर्ट में दाखिल करें.

'किसी भी अस्पताल ने नहीं की शिकायत'

सरकार का यह भी कहना है कि ऑक्सीजन आपूर्ति केन्द्र सरकार कर रही है. जिले में वितरण की निगरानी के लिए एडीएम सिटी,सीएमओ और संयुक्त आयुक्त जिला उद्योग सेन्टर की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. ऑक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति एजेन्सी द्वारा सीधे अस्पतालों को की जाती है. किसी भी अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी की शिकायत नहीं की है. लोगो की मदद के लिए कंट्रोल रूम बना है जो 24घंटे कार्यरत है. किसी ने भी कंट्रोल रूम को शिकायत नहीं की है. लोनी मे 12बेड का कोविड अस्पताल है, उसने भी शिकायत नहीं की है. केवल याची ने एस एस पी को शिकायत की है, उसकी जांच की जा रही है.

प्रयागराज: गाजियाबाद के ऑक्सीजन सिलेंडरों की दिल्ली और हरियाणा को अवैध आपूर्ति और ब्लैक मार्केटिंग को लेकर लोनी विधायक ने एडीएम सिटी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस शिकायत की जांच रिपोर्ट के साथ जिलाधिकारी से दो हफ्ते में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जिले से प्राप्त जानकारी के आधार पर याची के आरोपों को निराधार करार दिया. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के 35 कोविड अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल ने ऑक्सीजन आपूर्ति न होने की शिकायत नहीं की है. लोनी के एकमात्र कोविड अस्पताल ने भी ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर कोई शिकायत नहीं की है. ऐसे में याची की शिकायत मनगढंत और निराधार है. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता द्वारा दी गयी जानकारी को हलफनामे के तहत दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस याचिका की अगली सुनवाई 7 जून को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने लोनी के विधायक नंद किशोर की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

लोनी के विधायक नंद किशोर ने लगाए थे आरोप

लोनी के विधायक नंद किशोर ने याचिका में एडीएम सिटी पर ब्लैक मार्केटिंग करने तथा दिल्ली और हरियाणा को अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर भेजने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय या सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. याची का कहना है कि गाजियाबाद में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड मरीजो की मौत हो गयी, और जिस अधिकारी पर जिले में ऑक्सीजन आपूर्ति की जिम्मेदारी है वह ब्लैक मार्केटिंग मे लिप्त हैं.

राज्य सरकार ने याचिका में लगाये आरोपों को नकारा

हालांकि राज्य सरकार ने याचिका में लगाये आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा कि किसी भी अस्पताल ने ऑक्सीजन कमी की शिकायत नही की है. जिलाधिकारी गाजियाबाद ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल को मामले की जांच सौपी गयी है. इस जांच की रिपोर्ट अभी आनी है. इसपर कोर्ट के कहा कि जो भी बातें सरकार की तरफ से बतायी गयी हैं, जिलाधिकारी हलफनामे के जरिए कोर्ट में दाखिल करें.

'किसी भी अस्पताल ने नहीं की शिकायत'

सरकार का यह भी कहना है कि ऑक्सीजन आपूर्ति केन्द्र सरकार कर रही है. जिले में वितरण की निगरानी के लिए एडीएम सिटी,सीएमओ और संयुक्त आयुक्त जिला उद्योग सेन्टर की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. ऑक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति एजेन्सी द्वारा सीधे अस्पतालों को की जाती है. किसी भी अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी की शिकायत नहीं की है. लोगो की मदद के लिए कंट्रोल रूम बना है जो 24घंटे कार्यरत है. किसी ने भी कंट्रोल रूम को शिकायत नहीं की है. लोनी मे 12बेड का कोविड अस्पताल है, उसने भी शिकायत नहीं की है. केवल याची ने एस एस पी को शिकायत की है, उसकी जांच की जा रही है.

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