ETV Bharat / state

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा तलब

गंगा प्रदूषण मामला पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने हलफनामा के जरिए यह जानना चाहा है कि सुबह और शाम को गंगा के पानी का सैंपल लिया जाता है या नहीं. याचिका की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी.

author img

By

Published : Feb 10, 2021, 10:07 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह जानना चाहा है कि क्या दिन डूबने और निकलने के पहले का जल का सैंपल लिया जाता है. अगर लिया जाता है तो तीन माह का रिकार्ड पेश करें. साथ ही बताएं कि एसटीपी और नाले के शोधन की निगरानी कैसे करते हैं. नाले की बायो रेमेडियल और एसटीपी उत्सर्जन की तीन माह की रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि बनकर तैयार एसटीपी क्यों चालू नहीं हो पा रहे हैं.

तीन महीने की मांगी रिपोर्ट

यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्णपीठ ने गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट को मेला प्रभारी ने बताया कि नरोरा बांध से 4 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है. कोर्ट ने इसे मेले के दौरान अनवरत छोड़ने का निर्देश दिया है. मेले में 50 माइक्रोन से कम की पालीथीन की बिक्री और प्रयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही एसएसपी को इस कार्य में सहयोग करने को कहा है.

न्यायमित्र अरूण कुमार गुप्ता, डॉ. एचएन त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी और मनू घिल्डियाल की कमेटी ने एसटीपी और गंगा घाटों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि एसटीपी में क्षमता से अधिक गंदा पानी आ रहा है. इससे गैर शोधित गंदा पानी नदी में जा रहा है. यह स्थिति तब है, जब अधिकांश घरों को सोबरन से नहीं जोड़ा जा सका है. अधिवक्ता सुनीता शर्मा ने गंगा में गिर रहे नालों के फोटोग्राफ दाखिल कर रिपोर्ट का समर्थन किया.

22 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने कहा आदेश का ठीक से पालन नहीं हो रहा. स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ने भी हलफनामा दाखिल कर बताया कि गंगा किनारे मेले मे कूड़ा डंप किया जा रहा है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमित्र अरूण कुमार गुप्ता, शैलेश सिंह, भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी, प्रदेश सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शशांक शेखर सिंह आदि अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा. याचिका की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह जानना चाहा है कि क्या दिन डूबने और निकलने के पहले का जल का सैंपल लिया जाता है. अगर लिया जाता है तो तीन माह का रिकार्ड पेश करें. साथ ही बताएं कि एसटीपी और नाले के शोधन की निगरानी कैसे करते हैं. नाले की बायो रेमेडियल और एसटीपी उत्सर्जन की तीन माह की रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि बनकर तैयार एसटीपी क्यों चालू नहीं हो पा रहे हैं.

तीन महीने की मांगी रिपोर्ट

यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्णपीठ ने गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट को मेला प्रभारी ने बताया कि नरोरा बांध से 4 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है. कोर्ट ने इसे मेले के दौरान अनवरत छोड़ने का निर्देश दिया है. मेले में 50 माइक्रोन से कम की पालीथीन की बिक्री और प्रयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही एसएसपी को इस कार्य में सहयोग करने को कहा है.

न्यायमित्र अरूण कुमार गुप्ता, डॉ. एचएन त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी और मनू घिल्डियाल की कमेटी ने एसटीपी और गंगा घाटों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि एसटीपी में क्षमता से अधिक गंदा पानी आ रहा है. इससे गैर शोधित गंदा पानी नदी में जा रहा है. यह स्थिति तब है, जब अधिकांश घरों को सोबरन से नहीं जोड़ा जा सका है. अधिवक्ता सुनीता शर्मा ने गंगा में गिर रहे नालों के फोटोग्राफ दाखिल कर रिपोर्ट का समर्थन किया.

22 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव ने कहा आदेश का ठीक से पालन नहीं हो रहा. स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ने भी हलफनामा दाखिल कर बताया कि गंगा किनारे मेले मे कूड़ा डंप किया जा रहा है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमित्र अरूण कुमार गुप्ता, शैलेश सिंह, भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी, प्रदेश सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शशांक शेखर सिंह आदि अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा. याचिका की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.