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हाईकोर्ट में विजय मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई, सरकार से जवाब-तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक विजय मिश्रा की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. जमानत अर्जी की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी. वहीं राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा है.

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Published : Nov 18, 2020, 7:28 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विधायक विजय मिश्रा की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. अर्जी की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया है. वहीं राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा है.

बता दें कि विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ उन्हीं के रिश्तेदार कौलापुर (धनापुर) के निवासी कृष्ण मोहन तिवारी ने गोपीगंज थाने में 4 अगस्त को मकान पर जबरन कब्जा करने, उनकी फर्म का पैसा हड़प लेने, मारपीट करने और धमकाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें विधायक विजय मिश्रा जेल में बंद हैं. सत्र न्यायालय भदोही से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने यह अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की है.

दाखिल याचिका में याची विजय मिश्रा का कहना है कि शिकायतकर्ता की बहन पुष्पलता की शादी उनके भतीजे से हुई है. भतीजे का लालन-पालन उन्हीं ने किया है. पारिवारिक समझौते में शिकायतकर्ता व उसकी बहन पुष्पलता को 40 फीसदी व 20 फीसदी संपत्ति उनकी मां को दी गई है. याची अपने भतीजे की संपत्ति पर काबिज है. उनके खिलाफ झूठा केस लिखाया गया है. याची की तरफ से अधिवक्ता लोकेश द्विवेदी ने बहस की.

वहीं शिकायतकर्ता का आरोप है कि 2006 में विधायक विजय मिश्रा ने स्थापित फर्म पर कब्जा कर लिया गया और फर्म का पैसा अपनी पत्नी रामलली व बेटे विष्णु के खाते में स्थानांतरित कर दिया. साथ ही मकान पर भी कब्जा कर लिया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विधायक लगातार परिवार को धमकी दे रहे हैं, जिससे परिवार का जीना मुहाल हो गया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विधायक विजय मिश्रा की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. अर्जी की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया है. वहीं राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा है.

बता दें कि विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ उन्हीं के रिश्तेदार कौलापुर (धनापुर) के निवासी कृष्ण मोहन तिवारी ने गोपीगंज थाने में 4 अगस्त को मकान पर जबरन कब्जा करने, उनकी फर्म का पैसा हड़प लेने, मारपीट करने और धमकाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें विधायक विजय मिश्रा जेल में बंद हैं. सत्र न्यायालय भदोही से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने यह अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की है.

दाखिल याचिका में याची विजय मिश्रा का कहना है कि शिकायतकर्ता की बहन पुष्पलता की शादी उनके भतीजे से हुई है. भतीजे का लालन-पालन उन्हीं ने किया है. पारिवारिक समझौते में शिकायतकर्ता व उसकी बहन पुष्पलता को 40 फीसदी व 20 फीसदी संपत्ति उनकी मां को दी गई है. याची अपने भतीजे की संपत्ति पर काबिज है. उनके खिलाफ झूठा केस लिखाया गया है. याची की तरफ से अधिवक्ता लोकेश द्विवेदी ने बहस की.

वहीं शिकायतकर्ता का आरोप है कि 2006 में विधायक विजय मिश्रा ने स्थापित फर्म पर कब्जा कर लिया गया और फर्म का पैसा अपनी पत्नी रामलली व बेटे विष्णु के खाते में स्थानांतरित कर दिया. साथ ही मकान पर भी कब्जा कर लिया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विधायक लगातार परिवार को धमकी दे रहे हैं, जिससे परिवार का जीना मुहाल हो गया है.

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