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पेंशन में जोड़ी जाएगी दैनिक वेतन भोगी अवधि की सेवाः हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा की अवधि को जोड़कर पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मंगल सिंह की याचिका पर दिया.

Allahabad High Court
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Published : Mar 17, 2023, 10:27 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा पेंशन लाभ में जोड़ी जाएगी. कोर्ट ने नई पेंशन योजना लागू होने से पूर्व चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्त कर्मचारी को उसकी दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा की अवधि को जोड़कर पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मंगल सिंह की याचिका पर दिया.

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याची ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा को जोड़कर पुरानी पेंशन देने के लिए आवेदन किया था. लेकिन उसका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि वर्ष 2005 में नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियमित किया गया है. इसलिए वह पुरानी पेंशन पाने का हकदार नहीं है. याची 22 अक्टूबर 1986 को दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्त हुआ तथा 6 दिसंबर 2005 को वह नियमित किया गया. 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त हो गया.

कोर्ट का कहना था कि यह स्थापित सिद्धांत है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में की गई सेवा की अवधि पेंशन लाभ में जोड़ी जाएगी. अर्थात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी उस तिथि से पेंशन के हकदार होंगे, जिस तिथि को उनकी दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्ति हुई है ना कि नियमित किए जाने की तिथि से. हाई कोर्ट ने इस मामले में पूर्व के कई न्यायिक निर्णय का हवाला देते हुए याची की दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा अवधि को पेंशन लाभ में जोड़ते हुए पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें-Kanpur Court पेशी पर आए सपा विधायक इरफान सोलंकी, बोले, जुल्मी कब तक जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से...

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा पेंशन लाभ में जोड़ी जाएगी. कोर्ट ने नई पेंशन योजना लागू होने से पूर्व चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्त कर्मचारी को उसकी दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा की अवधि को जोड़कर पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने मंगल सिंह की याचिका पर दिया.

याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याची ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा को जोड़कर पुरानी पेंशन देने के लिए आवेदन किया था. लेकिन उसका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि वर्ष 2005 में नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियमित किया गया है. इसलिए वह पुरानी पेंशन पाने का हकदार नहीं है. याची 22 अक्टूबर 1986 को दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्त हुआ तथा 6 दिसंबर 2005 को वह नियमित किया गया. 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त हो गया.

कोर्ट का कहना था कि यह स्थापित सिद्धांत है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में की गई सेवा की अवधि पेंशन लाभ में जोड़ी जाएगी. अर्थात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी उस तिथि से पेंशन के हकदार होंगे, जिस तिथि को उनकी दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्ति हुई है ना कि नियमित किए जाने की तिथि से. हाई कोर्ट ने इस मामले में पूर्व के कई न्यायिक निर्णय का हवाला देते हुए याची की दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा अवधि को पेंशन लाभ में जोड़ते हुए पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्देश दिया है.

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