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व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन भी सदस्य के गलत संदेश के लिए होंगे जिम्मेदारः हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि व्हाट्सएप ग्रुप (Whatsapp Group) के एडमिन भी सदस्य के गलत संदेश के लिए जिम्मेदार होंगे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Mar 2, 2022, 10:44 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने व्हाट्सएप ग्रुप (Whatsapp Group) के एडमिन के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है. व्हाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूपान्तरित फोटो डाल दिया था, इसे लेकर आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत केस दर्ज हुआ था. याची ग्रुप एडमिन ने इस अपराधिक प्रक्रिया को रद्द करने की हाईकोर्ट से मांग की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मोहम्मद आलम ने मोहम्मद इमरान मलिक ने दिया है.

इसे भी पढ़ें-आपराधिक केस में अभियुक्त किशोर की पहचान जाहिर न करने का निर्देशः HC

याची का कहना था कि वह ग्रुप एडमिन है, उसने प्रधानमंत्री का रूपान्तरित फोटो ग्रुप में नहीं डाला है. यह फोटो ग्रुप के एक सदस्य निज़ाम आलम ने डाला है. इसके लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ग्रुप एडमिन होने के नाते वह सदस्य के गलत कृत्य के लिए दोषी नहीं हो सकता और उसके खिलाफ आईटीएक्ट के अन्तर्गत दर्ज केस रद्द किया जाय.

सरकारी वकील का कहना था कि याची ग्रुप एडमिन है. वह एडमिन होने के नाते ग्रुप का सह- व्यापक (को- एक्सटेंसिव) सदस्य है. इस कारण यह नहीं कहा जा सकता कि याची ने धारा 66 आई टी एक्ट के अन्तर्गत अपराध नहीं किया है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि याची ग्रुप एडमिन है. इसलिए वह भी गलत संदेश के लिए जिम्मेदार है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने व्हाट्सएप ग्रुप (Whatsapp Group) के एडमिन के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है. व्हाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूपान्तरित फोटो डाल दिया था, इसे लेकर आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत केस दर्ज हुआ था. याची ग्रुप एडमिन ने इस अपराधिक प्रक्रिया को रद्द करने की हाईकोर्ट से मांग की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मोहम्मद आलम ने मोहम्मद इमरान मलिक ने दिया है.

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याची का कहना था कि वह ग्रुप एडमिन है, उसने प्रधानमंत्री का रूपान्तरित फोटो ग्रुप में नहीं डाला है. यह फोटो ग्रुप के एक सदस्य निज़ाम आलम ने डाला है. इसके लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ग्रुप एडमिन होने के नाते वह सदस्य के गलत कृत्य के लिए दोषी नहीं हो सकता और उसके खिलाफ आईटीएक्ट के अन्तर्गत दर्ज केस रद्द किया जाय.

सरकारी वकील का कहना था कि याची ग्रुप एडमिन है. वह एडमिन होने के नाते ग्रुप का सह- व्यापक (को- एक्सटेंसिव) सदस्य है. इस कारण यह नहीं कहा जा सकता कि याची ने धारा 66 आई टी एक्ट के अन्तर्गत अपराध नहीं किया है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि याची ग्रुप एडमिन है. इसलिए वह भी गलत संदेश के लिए जिम्मेदार है.

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