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ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील, अंतरिम अर्जी लंबित तो नहीं होगी कार्रवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ध्वस्तीकरण आदेश की अपील पर अंतरिम अर्जी तय होने या लंबित रहने तक प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा रखी है. इसलिए बार-बार आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Dec 21, 2020, 5:24 PM IST

प्रयागराज: शीतकालीन अवकाश में बैठी इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने सामान्य समादेश जारी कर ध्वस्तीकरण आदेश की अपील पर अंतरिम अर्जी तय होने या लंबित रहने तक प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा रखी है. फिर बार-बार आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है.

न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने मेरठ विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील लंबित रहने तक भवन गिराने से रोकने की मांग में दाखिल याचिका पर समादेश जारी करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जब सामान्य समादेश जारी हो चुका है तो दोबारा आदेश देने की जरूरत नहीं है. यह आदेश कोर्ट ने मेरठ के प्रदीप कुमार उर्फ प्रदीप ढाका एवं भगवाना चौधरी और अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया.

याची अधिवक्ता का कहना था कि ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है, किन्तु अंतरिम अर्जी पर कोई आदेश नहीं हुआ है. वह विचाराधीन है. प्राधिकरण इसका फायदा उठाकर ध्वस्तीकरण करना चाहता है. उसे ऐसा करने से रोका जाय. कोर्ट ने कहा कि जब सामान्य समादेश जारी किया गया है तो अलग से आदेश देने की जरूरत नहीं है.

प्रयागराज: शीतकालीन अवकाश में बैठी इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने सामान्य समादेश जारी कर ध्वस्तीकरण आदेश की अपील पर अंतरिम अर्जी तय होने या लंबित रहने तक प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा रखी है. फिर बार-बार आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है.

न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने मेरठ विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील लंबित रहने तक भवन गिराने से रोकने की मांग में दाखिल याचिका पर समादेश जारी करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जब सामान्य समादेश जारी हो चुका है तो दोबारा आदेश देने की जरूरत नहीं है. यह आदेश कोर्ट ने मेरठ के प्रदीप कुमार उर्फ प्रदीप ढाका एवं भगवाना चौधरी और अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया.

याची अधिवक्ता का कहना था कि ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है, किन्तु अंतरिम अर्जी पर कोई आदेश नहीं हुआ है. वह विचाराधीन है. प्राधिकरण इसका फायदा उठाकर ध्वस्तीकरण करना चाहता है. उसे ऐसा करने से रोका जाय. कोर्ट ने कहा कि जब सामान्य समादेश जारी किया गया है तो अलग से आदेश देने की जरूरत नहीं है.

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